नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की बेटी सुप्र‍िया सुले इस बार फिर बारामती सीट से चुनाव लड़ रही हैं. पिता विरासत को आगे बढ़ा रही सुप्रिया पिछले दो बार से यहां की सांसद हैं. बारामती पवार परिवार का गढ़ माना जाता है. ऐसे में अपने पारिवारिक गढ़ को बचाना उनकी जिम्मेदारी होगी. बता दें कि जब वह कॉलेज में थीं, तब उनके पिता शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री की बेटी होने के बावजूद कहा जाता है कि वह सरकारी बस से कॉलेज आती-जाती थीं. उन्हें घर से रोज स‍िर्फ दस रुपये पॉकेट मनी मिलती थी. संसद में दमदार भाषण देने वाली सुप्रिया को ही अब शरद पवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाना है. अब तक वह इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाती आईं हैं अब देखना होगा इस चुनाव में वह पवार परिवार का गढ़ बारामती से चुनाव जीत पाती हैं या नहीं.


व्यक्तिगत जीवन


सेंट कोलंबिया स्‍कूल से स्‍कूली शिक्षा प्राप्‍त कर उन्‍होंने मुंबई के जय हिन्द कॉलेज से माइक्रोबायोलॉजी से स्‍नातक की डिग्री हासिल की है. उनका विवाह सदानंद बालचंद सुले से हुआ. शादी के बाद वे कुछ समय कैलिफ़ोर्निया में रही और इसके बाद कुछ समय इंडोनेशिया और सिंगापुर में रहने के पश्‍चात वे दोबारा मुंबई आकर बस गईं. वह समाजिक कार्य में भी सक्रिय रहती हैं. सुले ने राज्य स्तर पर भ्रूण हत्या के खिलाफ काफी असरदार कैंपेन चलाया था. अपने नेतृत्व में सुले ने 2012 में 'राष्ट्रवादी युवती कांग्रेस' विंग भी बनाई जिसका उद्देश्य युवा लड़कियों को राजनीति के लिए तैयार करना था.


सुप्रिया सुले का राजनीतिक जीवन


सुप्रिया सुले के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो उनकी केंद्रीय राजनीति में एंट्री साल 2006 में हुई, जब वह पहली बार राज्यसभा की सांसद बनीं. इसके बाद 2009 में वह पहली बार लोकसभा के लिए चुनी गईं.उन्होंने इस चुनाव में बीजेपी की कांता नलवाडे को हराया. 23 सितंबर 2009 को उन्‍हें महिला विकास समिति का सदस्‍य बनाया गया और 7 अक्‍टूबर 2009 को उन्‍हें आचार समिति का सदस्‍य बनाया गया.


राजनीतिज्ञ होने के अतिरिक्‍त वह पवार पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्‍ट की अध्‍यक्ष भी हैं और कई सामाजिक संस्‍थाओं जैसे एनएबी विमन काउंसिल, नेहरू सेंटर (मुंबई), वाईबी चव्‍हाण केंद्र (मुंबई) और इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ़ रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑन नोमेडिक एंड डि-नोटेड ट्राइब्‍स आदि की सदस्‍य भी हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में सुप्र‍िया ने अपनी जीत जारी रखी और संसद में पहुंचीं.


यह भी देखें