हैदराबाद/मुंबई: देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है. देश में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच इस बार सात चरणों में लोकसभा का चुनाव होना है. यहां हम आपको भारतीय लोकतंत्र के उस खबर को बता रहे हैं जहां एक व्यक्ति एक वोट के संवैधानिक प्रावधान को खारिज किया जा रहा है. यह खबर है तेलंगाना और महाराष्ट्र सीमा पर बसे उन 14 गांव की जहां के प्रत्येक मतदाताओं के पास दो-दो वोटर आईडी कार्ड हैं और ये लोग तेलंगाना और महाराष्ट्र दोनों जगहों के चुनाव में मतदान करते हैं. दोनों जगहों पर मतदान करने वाले ऐसे वोटर्स की संख्या भी कोई कम नहीं बल्कि पांच हजार है.


इस बार के लोकसभा चुनाव में भी यहां के मतदाता दो-दो लोकसभा सीटों के लिए मतदान करेंगे. यह सीट भी एक तेलंगाना राज्य में होगी जबकि दूसरी सीट महाराष्ट्र से होगी. दरअसल, दो राज्यों की सीमा पर बसे इन गांवों की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां वास्तविक सीमा में अंतर स्पष्ट करना मुश्किल होता है. यही कारण है कि यहां कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर दो-दो ग्राम प्रधान हैं. यहां रोचक ये है कि दोनों ही ग्राम प्रधान अलग-अलग राज्यों से हैं.


इस खबर पर तेलंगाना के मुख्य चुनाव आयुक्त रजत कुमार ने कहा कि ऐसी गड़बड़ियां आदिलाबाद लोकसभा क्षेत्र के 4 बूथों पर आ रही हैं. इसकी जांच कराई जाएगी. तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा पर बसे इन 14 गांव के नाम हैं- मुकादमगुडा, परमडोली, परमडोली (तांडा), कोठा, लेंडीजाला, महाराजगुडा, शंकरलोधी, पद्मावती, अंतापुर, इंदिरानगर, येसापुर, पलसगुडा, भोलापठार और लेंडीगुडा.


ऐसा नहीं है कि दोनों राज्य सरकार से फंड मिलने के कारण यहां काफी विकास हुआ है. इस इलाके में पानी की भारी किल्लत है. पानी के लिए महिलाओं को सिर पर मटका लेकर लम्बी दूरी तय करनी होती है. एक पुल है जो कि गांव वालों के मुताबिक पिछले छह साल से बन रहा है. यहां स्कूल तेलंगाना और महाराष्ट्र दोनों सरकारों ने खोल रखा है और राशन कार्ड भी दोनो सरकारों ने यहां के लोगों को दिया हुआ है.


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