नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव में 100 सीटें बीजेपी और कांग्रेस के लिये बहुत महत्वपूर्ण रहेंगी. ये ऐसे सीट हैं जहां हार और जीत में वोटों का अंतर 10 प्रतिशत के आसपास रहा है. चुनाव में कांग्रेस की नजर उन 56 सीटों पर भी होगी जहां वह 80 हजार या उससे कम वोटों से हारी थी. इनमें से 24 सीटों पर बहुत कड़ा मुकाबला था. लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम के मुताबिक कांग्रेस पार्टी 224 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी जबकि उसे 44 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी 282 सीटें जीती थी और 146 सीटों पर उसे हार मिली थी. जिन सीटों पर बीजेपी हारी थी उनमें से 82 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को जीते कैंडिडेट से 20 प्रतिशत कम वोट मिले थे. 33 सीटों पर बीजेपी की हार का प्रतिशत 10 या उससे भी कम था.
लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के शुरू होते ही कांग्रेस का जोर उधमपुर, खडूर साहब, सहारणपुर, करौली, ढोलपुर, लोहरदगा, रांची, महासमुंद, आणंद, सांवरकांठा, धार, नंदुरबार, दादरा नगर हवेली, दावणगेरे, बेलगांव, कुशीनगर, रायगंज, मांडया, कोप्पल, बेलगाम, सासाराम, लक्षद्वीप, त्रिशूर, बीजापुर, कासरगोड लोकसभा सीट पर बढ़ गया है. इन सीटों पर पिछले चुनाव में कांटे का मुकाबला था.
2014 के लोकसभा चुनाव में 23 सीटों पर हार-जीत का फैसला मात्र एक प्रतिशत से कम था. इसमें सबसे ज्यादा चार सीटें कर्नाटक में, तीन केरल में और दो-दो सीटें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में थी जबकि एक-एक सीट जम्मू कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अंदर था. इन 23 सीटों पर जीत हार का अंतर 36 से लेकर 11,178 वोटों का था.
इन सीटों में से छह-छह सीटें बीजेपी और कांग्रेस ने जीतीं, जबकि तीन सीट सीपीएम, दो सीट बीजेडी और एक-एक सीट राजेडी, एलजेपी, जेडीएस, शिवसेना, टीडीपी और टीआरएस को मिली थी. एक फीसदी से कम अंतर वाली इन 23 सीटों में से 17 सीटों पर मतदान का प्रतिशत 70 से अधिक था. इसलिए इन सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ने की गुंजाइश ज्यादा नहीं है. पिछले लोकसभा चुनाव में एक प्रतिशत मतों के अंतर से जीतने वाले प्रमुख नेताओं में कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली, शिवसेना के अनंत गीते और सीपीएम के मोहम्मद सलीम हैं. 2014 में हार-जीत का सबसे कम अंतर जम्मू कश्मीर की लद्दाख सीट पर था जहां बीजेपी मात्र 36 मतों के अंतर से जीती थी.
छत्तीसगढ़ की महासमुंद सीट पर बीजेपी की जीत का अंतर महज 1217 वोट का था जहां बीजेपी के चंदूलाल साहू ने अजीत जोगी को हराया था. कर्नाटक की रायचुर सीट पर कांग्रेस के बी वी विनायक ने बीजेपी के ए शिवनगौड़ा नायक को 1499 मतों से हराया था. लक्षद्वीप सीट पर एनसीपी के मोहम्मद फैजल ने हमदुल्ला सईद को 1535 मतों से और महाराष्ट्र की हिंगोली सीट पर कांग्रेस के राजीव शंकर राव सातव ने शिवसेना के वानखेड़े सुभाष बापूराव को 1632 मतों से हराया था.
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