नई दिल्ली: धर्म-कर्म और मोक्ष की नगरी सारण गौतम ऋषि की तपोभूमि है और दधीचि ऋषि भी यहीं के थे. जहां इस जगह की अपना एतिहासिक महत्व है तो वहीं इस सीट का राजनीतिक इतिहास भी है. इस बार भी सारण का रण काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा चुनाव में यहां से इस बार 12 उम्मीदवार हैं.


यहां इस सीट पर मुख्य मुकाबला एनडीए प्रत्याशी बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद राजीव प्रताप रूडी और महागठबंधन के प्रत्याशी और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय के बीच नजर आ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के पुत्र चंद्रिका राय इसी संसदीय क्षेत्र के परसा से विधायक हैं. लालू यादव ने अपनी संसदीय पारी की शुरुआत 1977 में यहीं से की थी. सारण से लालू यादव चार बार सांसद रह चुके हैं. उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं. इस बार इस सीट पर आरजेडी ने चंद्रिका राय को उतारा है. ऐसे में VIP उम्मीदवार में आइए आज जानते हैं चंद्रिका राय के बारे में..


चद्रिका राय ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर परसा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी. उन्होंने इस चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी के छोटेलाल राय को हराया था. वहीं साल 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव में चंद्रिका राय को छोटेलाल राय से हार का सामना करना पड़ा. चंद्रिका राय लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री रहे हैं. उनकी पत्नी पुर्णिमा राय पटना वूमेन्स कॉलेज में प्रोफेसर हैं. वह बिहार महिलासंघ की उपाध्यक्ष भी हैं. चंद्रिका राय की तीन बच्चे हैं. उनकी दो बेटियां और एक बेटा है. बड़ी बेटी एश्वर्या का लालू प्रसाद यादव के बड़े तेज प्रताप के साथ विवाह हुआ है.


चंद्रिका राय ने 1995 में जनता दल में लालू के साथ आए थे. 1997 में जब लालू पर चारा घोटाले के आरोप लगे, तो उन्होंने जनता दल से बगावत करके अलग हो गए. राजनीतिक तौर पर इस वक्त चंद्रिका ने लालू का साथ छोड़ा था. वो दूसरे खेमे यानी शरद यादव के साथ चले गए. हालांकि, ये दूरी ज़्यादा दिनों तक टिकी नहीं. 2000 विधानसभा चुनाव से पहले चंद्रिका लालू के पास लौट आए. फिर 2002 में राबड़ी सरकार में प्रौद्योगिकी मंत्री भी रहे. वह बिहार सरकार के परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं.


चंद्रिका 1985 से अब तक परसा सीट से 6 बार विधायकी जीत चुके हैं और दो बार हारे हैं. वह दो बार मंत्री भी रहे हैं. एक बार राबड़ी सरकार में और दूसरी बार महागठबंधन सरकार की में. वहीं बीजेपी के राजीव प्रताप रुडी तीन बार सांसद रहे हैं. राजीव प्रताप रूडी यहां से चौथी बार चुनाव जीतने की मशक्कत कर रहे हैं. ऐसे में मुकाबला कांटे का है.  चं द्रिका प्रसाद के पास लालू की राजनीतिक कर्मभूमि सारण को फिर से हासिल करने की चुनौती है.


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