नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक चार चरणों में 374 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है, अब अगले तीन चरणों में 169 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. पांचवे चरण के लिए 6 मई को वोटिंग होगी. इसी दिन झारखंड के हजारीबाग लोकसभा में भी वोट डाले जाएंगे. इस सीट की अहमियत इसलिए है क्योंकि यहां से मोदी सरकार में मंत्री जयंत सिन्हा किस्मत आजमा रहे हैं. जयंत सिन्हा का मुकाबला महागठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस नेता गोपाल साहू से है. गोपाल साहू 2005 में रांची विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. गोपाल साहू भी राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं, उनके भाई शिव प्रसाद साहू सांसद रह चुके हैं, जबकि एक और भाई धीरज साहू राज्यसभा सांसद हैं.
जयंत सिन्हा का राजनीतिक सफर
जयंत सिन्हा पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पुत्र है, इनके पिता मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. आईआईटी दिल्ली, पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी और हावर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है. केमिकल इंजीनिरिंग में बीटेक हैं और डिसटिंसन के साथ एमबीए किया हुआ है. 2014 में पहली बार हजारीबाग लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए.
इसके पहले इनके पिता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा इस सीट से सांसद थे. जयंत नवम्बर 2014 से जुलाई 2016 तक केन्द्र सरकार में वित्त राज्यमंत्री थे, जुलाई 2016 से जयंत केन्द्र सरकार में नागरिक उड्डयन विभाग में राज्यमंत्री है. मॉब लिंचिंग के आरोपियों को सम्मान देने पर चर्चा में रहे. जयंत सिन्हा की गिनती बेहद सुलझे हुए मंत्रियों में की जाती है.
चुनाव बाद अस्थिर सरकार के बयान ने मचाई थी खलबली
एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में जयंत सिन्हा ने कहा था कि चुनाव के बाद स्थिर सरकार मिलने की संभावना कम है. जयंत सिन्हा ने कहा, ''यदि हम ऐसी स्थिति में पहुंचते हैं जहां हमें मजबूत और स्थिर सरकार नहीं मिलती है और जिसकी मुझे काफी संभावना लगती है. ऐसे में मेरा मानना है कि ये आगे चलकर भारत के लिए अच्छी स्थिति नहीं होगी.''
उन्होंने कहा, ''हमारे लिये लक्ष्य ये होना चाहिए कि हम लोगों को अवगत कराएं, ये सुनिश्चित करें कि लोग समझ सकें कि हमने क्या किया है और बाद में आशंका को देखते हुये क्या कुछ जोखिम में आ सकता है.'' बयान पर खलबली मचने के बाद जयंत सिन्हा ने अपने बयान पर सफाई दी, ]जयंत सिन्हा ने ट्वीट किया, ''मीडिया मेरे बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है. मेरा अपना आंकलन है कि 2019 का चुनाव हमारे माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पहले ही जीत लिया गया है.''