VIP Candidate: दो दिग्गजों से है कन्हैया का मुकाबला, जानें JNU अध्यक्ष से लोकसभा उम्मीदवार तक का सफर
2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार के रूप में कम्युनिस्ट पार्टी को उम्मीद की एक नई किरण नज़र आ रही है. कन्हैया कुमार का कहना है कि मुझे बेगूसराय की जनता से कोई उम्मीद नहीं है बल्कि मुझे बेगूसराय की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना है.
नई दिल्ली: जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगने की घटना से चर्चा में आए कन्हैया कुमार आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. कन्हैया कुमार बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से सीपीआई के प्रत्याशी हैं. कन्हैया का मुकाबला बीजपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और आजेडी के तनवीर हसन से है. तीनों ही उम्मीदवार अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, इस सीट पर चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को वोटिंग होनी है.
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि बेगूसराय को कभी लेनिनग्राद कहा जाता था, एक समय था जब बेगूसराय को वामपंथ का गढ़ माना जाता था लेकिन कालांतर में वामपंथ की जड़ें यहां कमजोर होती चली गईं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार के रूप में कम्युनिस्ट पार्टी को उम्मीद की एक नई किरण नज़र आ रही है. कन्हैया कुमार का कहना है कि मुझे बेगूसराय की जनता से कोई उम्मीद नहीं है बल्कि मुझे बेगूसराय की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना है.
कन्हैया कुमार के लिए राजनीति और बॉलीवुड के कई जाने माने चेहरे बेगूसराय जाकर प्रचार कर चुके हैं. इनमें प्रमुख तौर पर अभिनेत्री स्वरा भास्कर, जावेद अख्तर, शबाना आजमी, प्रकाश राज, जिग्नेश मेवाणी, शेहला रशीद, नजीब जंग की मां, गुरमेहर कौर, योगेंद्र यादव, सीताराम येचुरी, डॉ कफील खान और कॉमेडियन कुणाल कामरा शामिल हैं.
कन्हैया कुमार का राजनीतिक सफर? भूमिहार समाज से आने वाले कन्हैया कुमार बेगूसराय में पैदा हुए और बचपन भी बेगूसराय में ही बीता. 2015 में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए कन्हैया पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. कन्हैया एआईएसएफ के पहले सदस्य हैं जो जेएनयू में छात्र संघ के अध्यक्ष बने. 2002 में कन्हैया ने पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला लिया, जहां से उनके छात्र राजनीति की शुरुआत हुई. पटना में पढ़ाई के दौरान, कन्हैया ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) के सदस्य बने. अपने स्कूल दिनों में, कन्हैया अभिनय में रूचि रखते थे और इंडियन पीपल्स थियेटर एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य थे.
बेगूसराय लोकसभा सीट को जानिए बेगूसराय सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा है, 1952 से 1967 तक कांग्रेस के मथुरा प्रसाद मिश्रा इस सीट से सांसद रहे. 2014 में इस सीट पर भी मोदी लहर चली और पहली बार बीजेपी के भोला सिंह जीते. बेगूसराय में कुल 19 लाख 53 हजार वोटर हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भूमिहार वोटर की है. भूमिहारों के बाद मुस्लिमों की आबादी है, 2 बार छोड़कर यहां से सिर्फ भूमिहार सांसद जीते. बेगूसराय लोकसभा में 4 लाख भूमिहार हैं, भूमिहार के अलावा सवर्ण 2 लाख हैं जबकि मुस्लिमों की आबादी करीब 3 लाख है. कुर्मी और कोइरी की आबादी 2 लाख 65 हजार, यादव करीब 2 लाख 25 हजार और दलितों की संख्या 2.5 लाख है.
2014 के चुनाव में बीजेपी के भोला सिंह को 4 लाख 28 हजार वोट मिले थे, दूसरे नंबर पर रहे आरजेडी के तनवीर हसन को 3 लाख 69 हजार और तीसरे नंबर पर लेफ्ट के राजेंद्र सिंह थे जिन्हें 1 लाख 92 हजार वोट मिले थे. विधानसभा चुनाव की बात करें, बेगूसराय लोकसभा में विधानसभा की 7 सीटें हैं. बीजेपी 2014 में 6 विधानसभा सीटों में आगे रही थी सिर्फ एक सीट साहेबपुर कमाल में बीजेपी दूसरे नंबर पर थी, जबकि लेफ्ट सातों सीट पर तीसरे नंबर पर था.
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