VIP Candidate: एक बार फिर मैनपुरी से मैदान में मुलायम, जानिए एक पहलवान के सियासी योद्धा बनने की कहानी
दिल्ली की सियासी गलियों में दो कहावत बहुत मशहूर हैं. 1- साइकिल बेहद कम वक्त में और बेहद कम जगह में घूम जाती है. 2- मुलायम सिर्फ अखाड़े के ही नहीं सियासत में भी धोबिया पछाड़ बहुत तेज मारते हैं.
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव का महापर्व मनाया जा रहा है. इस सियासी समर में कई दिग्गजों की साख भी दांव पर लगी है. इन्हीं दिग्गजों में एक हैं समाजवादी पार्टी के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव. संसद में प्रधानमंत्री मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की बात कहकर खूब चर्चा बटोरने वाले मुलायम सिंह यादव इस बार मैनपुरी से किस्मत आजमा रहे हैं. मैनपुरी लोकसभा सीट को सपा के अभेद किला कहा जाता है, पिछले 22 सालों से इस सीट पर सपा की जीत हो रही है. बीजेपी और बीएसपी इस सीट से आजतक खाता भी नहीं खोल पाए हैं.
मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर मुलायम सिंह यादव को बचपन से ही पहलवानी का शौक था, उनके सियासी सफर की शुरुआत भी पहलवानी से ही जुड़ी है. दरअसल मैनपुरी में एक कुश्ती के दौरान मुलायम ने अपने राजनीतिक गुरू नत्थूसिंह को प्रभावित कर दिया, नत्थूसिंह ने मुलायम को अपनी परंपरागत सीट जसवंतनगर से सियासी दंगल में उतार दिया. इस तरह 1967 में मुलायम 28 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे. इसके बाद लगातार 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में विधायक बने.
1980 के आखिर में मुलायम सिंह यादव लोकदल के अध्यक्ष बने, लोकदल का बाद में जनता दल में विलय हो गया. मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुखिया बने. 1991 में कांग्रेस के समर्थन वापस लेने की वजह से मुलायम सिंह की सरकार गिर गई, 1991 में मध्यावधि चुनाव हुए जिसमें मुलायम सिंह की पार्टी हार गई और बीजेपी की सरकार बन गई.
1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाने की घोषणा की. 1993 के चुनाव में मुलायम की पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन कर लिया. कांग्रेस और जनता दल के समर्थन से मुलायम सिंह फिर सत्ता में आए और सीएम बने. इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली का रुख किया, 1996 में पहली बार मैनपुरी से लड़कर लोकसभा पहुंचे. यूपीए की सरकार बनी तो मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी दी गई. ये सरकार ज्यादा दिन चली नहीं, 1998 में मुलायम उत्तर प्रदेश के संभल से जीतकर दोबारा लोकसभा पहुंचे.
2004 में मुलायम मैनपुरी से जीतकर एक बार फिर लोकसभा पहुंचे लेकिन 2004 में ही मुलायम यूपी के सीएम बने जिसके बाद उन्होंने लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से सपा के टिकट पर सांसद बनें. 2014 में मुलायम दो लोकसभा सीट आजमगढ़ और मैनपुरी से सांसद चुने गए थे, बाद में मुलायम ने मैनपुरी लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया.
मुलायम सिंह यादव का व्यक्तिगत जीवन मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई में हुआ. मैनपुरी के करहल में मुलायम सिंह यादव प्राध्यापक भी रहे. मुलायम सिंह यादव ने दो शादियां की, मुलायम की पहली पत्नी का मालती देवी का निधन 2003 में हो गया था. सपा मुखिया अखिलेश यादव मुलायम सिंह की पहली पत्नी की संतान हैं. मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता है, साधना और मुलायम सिंह यादव की एक और संतान है, जिनका नाम प्रतीक यादव है. 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद मुलायम परिवार के पांच सदस्य अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे.