एक्सप्लोरर

Lok Sabha Election 2019: क्या है NOTA, कब मिला मतदाताओं को यह विकल्प? जानिए सबकुछ

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जहां राजनीतिक दल लगे हुए हैं तो वहीं मतदाताओं में भी इस बात को लेकर चर्चा है कि किसे इस बार वोट करेंगे. हालांकि उनके पास NOTA का भी विकल्प होगा. क्या होता है NOTA, कैसे मतदाता कर सकते हैं इसका इस्तेमाल? आइए जानते हैं.

नई दिल्ली: चुनाव में मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार या पार्टी को वोट देकर जिताते है, लेकिन जरा सोचिए अगर मतदाता किसी भी उम्मीदवार या पार्टी को वोट करना ही न चाहे तो उनके पास क्या विकल्प हैं. दरअसल जो लोग अपना मत किसी को नहीं देना चाहते निर्वाचन आयोग ने उनके लिए एक विकल्प दिया है. उम्मीदवार ईवीएम मशीन में NOTA-NON Of THE ABOVE (उपरोक्त में से कोई नहीं) का गुलाबी बटन दबा कर अपना विरोध दर्ज कर सकता है.

NOTA क्या है

उपरोक्त में से कोई नहीं (NOTA) का विकल्प मतदाता को चुनाव लड़ने वाले किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देने में सक्षम बनाता है. NOTA एक तरह का नकारात्मक प्रतिक्रिया देने का एक तरीका है. गुजरात (2017), कर्नाटक (2018) मध्य प्रदेश (2018) और राजस्थान (2018) के हालिया विधानसभा चुनावों में NOTA कई मतदाताओं के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बन गया.

कब मतदताओं को मिला NOTA का विकल्प

जनवरी 2014 में भारत निर्वाचन आयोग ने एक परिपत्र जारी किया था जिसमें कहा गया था कि NOTA के प्रावधानों को राज्यसभा चुनावों में भी शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि यह प्रावधान 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में उपलब्ध कराया गया था. दरअसल 2013 के विधानसभा में निर्वाचन आयोग ने पहली बार NOTA का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे.

NOTA विकल्प का इस्तेमाल पहली बार 2013 में चार राज्यों - छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और मध्य प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में हुआ था. 15 लाख से अधिक लोगों ने राज्य के चुनावों में इस विकल्प का इस्तेमाल किया. छत्तीसगढ़ में 3.56 लाख, मध्य प्रदेश में 5.9 लाख और राजस्थान में 5.67 लाख मतदाताओं ने NOTA के बटन को दबाया था.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार करने के मतदाताओं के अधिकार को बरकरार रखते हुए कहा था कि यह देश की राजनीतिक प्रणाली को साफ करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा. SC ने चुनाव आयोग को एक बड़े चुनावी सुधार में ईवीएम और बैलेट पेपर पर NOTA का विकल्प देने का निर्देश दिया.

NOTA से क्या हुआ फायदा

जब नोटा की व्यवस्था हमारे देश में नहीं थी, तब चुनाव में अगर किसी को लगता था कि उनके अनुसार कोई भी उम्मीदवार योग्य नहीं है तो वह वोट नहीं करता था और इस तरह से उनका वोट जाया हो जाता था. ऐसे में मतदान के अधिकार से लोग वंचित हो जाते थे. यही वजह है कि नोटा के विकल्प पर गौर फरमाया गया ताकि चुनाव प्रक्रिया और राजनीति में शुचिता कायम हो सके.

कैसे करें NOTA पर वोट

ईवीएम में उम्मीदवारों की सूची के अंत में NOTA विकल्प होता है. NOTA वोट के लिए किसी पीठासीन अधिकारी के शामिल होने की आवश्यकता नहीं होती है.

NOTA के विकल्प से पहले मतदाताओं को सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार करने का अधिकार था लेकिन वह ईवीएम मशीन पर पंजीकृत नहीं कर सकता था. तब नकारात्मक वोट डालने वाले लोगों को एक रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करना था और एक अलग पेपर बैलट पर अपना वोट डालना होेता था.1961 के चुनाव नियमों की धारा 49 (ओ) के तहत एक मतदाता नकारात्मक वोट डालने के लिए अपना नाम फॉर्म 17 (ए) में दर्ज कर सकता था.

इसके बाद पीठासीन अधिकारी फॉर्म में एक टिप्पणी लिखते और इसपर मतदाता द्वारा हस्ताक्षर करवाया जाता था. हालांकि यह प्रावधान सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक माना गया क्योंकि इसने मतदाता की पहचान की रक्षा नहीं की जाती थी.

विश्व में और कहां-कहां मतदाताओं को मिलता है NOTA का विकल्प

कोलंबिया, यूक्रेन, ब्राजील, बांग्लादेश, फिनलैंड, स्पेन, स्वीडन, चिली, फ्रांस, बेल्जियम और ग्रीस अपने मतदाताओं को NOTA वोट डालने की अनुमति देते हैं. अमेरिका भी कुछ मामलों में इसकी अनुमति भी देता है. अमेरिका के टेक्सस राज्य में 1975 से यह प्रावधान है.

पिछले विधानसभा चुनावों में NOTA का क्या असर पड़ा

चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि NOTA का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की संख्या मध्य प्रदेश के 22 विधानसभा क्षेत्रों में जीत के अंतर से अधिक थे. यहां तक कि NOTA पर आम आदमी पार्टी (AAP) और समाजवादी पार्टी (SP) से ज्यादा वोट पड़े. 5, 42,295 मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर NOTA का बटन दबाया जो कुल डाले गए वोटों का 1.4 प्रतिशत था. लेकिन यह संख्या 2013 के चुनावों की तुलना में कम है. 2013 में 6.43 लाख (1.9 प्रतिशत) मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को खारिज कर NOTA का विकल्प चुना था. NOTA के आंकड़ों को देखकर राजनीतिक दलों को पता चलता है कि लोगों में उन्हें लेकर कितना विश्वास है. वह उनके उम्मीदों पर कहां खड़े हैं.

यह भी देखें

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

क्या शिंदे बनेंगे डिप्टी CM, शिवसेना-NCP के पास होंगे कौन से मंत्रालय? जानें सब कुछ
क्या शिंदे बनेंगे डिप्टी CM, शिवसेना-NCP के पास होंगे कौन से मंत्रालय? जानें सब कुछ
Maharashtra CM News: 'लाडला भाई' मेरे लिए किसी भी पद से बड़ा, दिल्ली पहुंचने पर बोले एकनाथ शिंदे
'लाडला भाई' मेरे लिए किसी भी पद से बड़ा, दिल्ली पहुंचने पर बोले एकनाथ शिंदे
Anupamaa के सेट पर हुई थी क्रू मेंबर की दर्दनाक मौत, अब फैमिली को मिला 10 लाख का मुआवजा
'अनुपमा' के सेट पर हुई थी क्रू मेंबर की मौत,अब फैमिली को मिला 10 लाख का मुआवजा
जींद और सोनीपत के बीच चलेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, RDSO ने जारी की पहली तस्वीर
जींद और सोनीपत के बीच चलेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, RDSO ने जारी की पहली तस्वीर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

क्या महाविकास अघाड़़ी से बाहर होने वाले उद्धव ठाकरे?Maharashtra New CM: शाह के घर मुलाकात...क्या होगी फाइनल बात? | Amit Shah | ABP NewsBharat Ki Baat Full Episode: दिल्ली मंथन में तय होगा Maharashtra का CM! | Maharashtra New CM | ABPMahadangal with Chitra Tripathi: टूटेगी अघाड़ी... बिछड़ेंगे सब बारी-बारी? | MVA | Uddhav Thackeray

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
क्या शिंदे बनेंगे डिप्टी CM, शिवसेना-NCP के पास होंगे कौन से मंत्रालय? जानें सब कुछ
क्या शिंदे बनेंगे डिप्टी CM, शिवसेना-NCP के पास होंगे कौन से मंत्रालय? जानें सब कुछ
Maharashtra CM News: 'लाडला भाई' मेरे लिए किसी भी पद से बड़ा, दिल्ली पहुंचने पर बोले एकनाथ शिंदे
'लाडला भाई' मेरे लिए किसी भी पद से बड़ा, दिल्ली पहुंचने पर बोले एकनाथ शिंदे
Anupamaa के सेट पर हुई थी क्रू मेंबर की दर्दनाक मौत, अब फैमिली को मिला 10 लाख का मुआवजा
'अनुपमा' के सेट पर हुई थी क्रू मेंबर की मौत,अब फैमिली को मिला 10 लाख का मुआवजा
जींद और सोनीपत के बीच चलेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, RDSO ने जारी की पहली तस्वीर
जींद और सोनीपत के बीच चलेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, RDSO ने जारी की पहली तस्वीर
“लैब टू लैंड“ के कांसेप्ट पर काम कर रही सरकार, कृषि मंत्री ने कहीं ये बड़ी बात
“लैब टू लैंड“ के कांसेप्ट पर काम कर रही सरकार, कृषि मंत्री ने कहीं ये बड़ी बात
IND vs AUS: रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलियाई संसद में जो कहा, वह आपको जरूर सुनना चाहिए; जानें स्पीच में क्या-क्या बोला
रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलियाई संसद में जो कहा, वह आपको जरूर सुनना चाहिए
Opinion: पाक में अब अगर और लोगों को दबाया गया तो एक बड़ा उग्रवादी आंदोलन बनकर उभर आएगा
Opinion: पाक में अब अगर और लोगों को दबाया गया तो एक बड़ा उग्रवादी आंदोलन बनकर उभर आएगा
'गुंबद में मंदिर के टुकड़े... बेसमेंट में आज भी गर्भगृह मौजूद', अजमेर शरीफ दरगाह पर हिंदू सेना ने किए क्या-क्या दावे?
'गुंबद में मंदिर के टुकड़े... बेसमेंट में आज भी गर्भगृह मौजूद', अजमेर शरीफ दरगाह पर हिंदू सेना ने किए क्या-क्या दावे?
Embed widget