पार्टी की हार के बाद क्या राहुल गांधी कांग्रेस कार्यसमिति बैठक में देंगे इस्तीफा
कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद क्या पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे ? यह सवाल इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आ गए हैं. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का प्रदर्शन एक बार फिर कई सवाल खड़े कर गया. राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी मुश्किल से 52 सीट पर अपनी जीत दर्ज कर पायी यानि 2014 के 44 सीट में सिर्फ 8 सीटें जोड़ पाई. कांग्रेस की हालत ये है कि इस बार भी लोकसभा की कुल क्षमता का 10 फीसद सीटें भी नही जीत पाने की वजह से सदन में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नही मिल पाएगा. राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष के तौर पर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे. पार्टी की दायरा तो सिमटा ही पार्टी अध्यक्ष खुद अपनी एक सीट नही बचा पाए. राहुल गांधी के ये हार भी गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले लोकसभा क्षेत्र अमेठी से हुई. जाहिर है सबसे बड़ा सवाल खुद राहुल गांधी के उपर है.
पार्टी की हार के बाद मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेने की बात कही. कहा कि शत प्रतिशत जिम्मेदारी लूंगा. ये पूछे जाने पार कि क्या अध्यक्ष पद छोड़ेंगे, राहुल का जवाब था कि हम कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक करेंगे, कुछ बातें मेरे औऱ वर्किंग कमेटी के बीच रहने दें. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति में औपचारिक तौर पर अपने इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं. हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नही कहा जा रहा है.
हालांकि कल खबर ये आई थी कि राहुल गांधी हार के तुरंत बाद इस्तीफा देना चाहते थे लेकिन सोनिया गांधी के मना कर पर रूक गए. इन बातों को औऱ बल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और उसके बाद यूपीए अध्यक्ष और उनकी मां सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात से मिला. .
इन मुलाकातों के बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई कि राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है. राहुल ने सोनिया गांधी के सामने इस्तीफे की पेशकश की है. राहुल ने सोनिया गांधी को फ़ोन कर कहा कि मुझे लगता है मुझे इस्तीफ़ा देना चाहिए. राहुल गांधी मीडिया के सामने इस्तीफ़ा देना चाहते थे लेकिन सोनिया गांधी ने कहा मैं अभी फ़ोन करती हूं. उसके बाद सोनिया गांधी ने कुछ वरिष्ठ लोगों को फ़ोन करके उनकी राय ली. उन्होंने कहा कि मीडिया के सामने इस्तीफ़े की बात करना ग़लत होगा और अगर इस्तीफ़े की बात करनी है तो कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में पेशकश करे तो ज़्यादा अच्छा होगा.
बाद में सोनिया गांधी और अहमद पटेल ने फ़ोन पर राहुल गांधी से बात की और प्रियंका गांधी को राहुल के घर भेजा और आख़िर में ये तय हुआ कि 25 तारीख शनिवार को होने वाली CWC की बैठक में राहुल इस्तीफ़े की पेशकश करेंगे.
हालांकि 23 मई की शाम को ही मीडिया में ये खबर आने के बाद कि राहुल ने इस्तीफे की पेशकश की है पार्टी ने बाकायदा इसका खंडन किया. पार्टी की ओर से बताया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष के इस्तीफे की पेशकश की खबरों में कोई सच्चाई नही है. भले ही पार्टी इस मुद्दे पर राहुल का बचाव करे लेकिन राहुल गांधी ने खुद कांग्रेस कार्यकारिणी और उनके बीच इस्तीफे की बात छोड़ने का कह ये संकेत दे दिया कि वो बैठक में इस तरह की पेशकश कर सकते हैं.
राहुल गांधी के लिए इस तरह की पेशकश उनकी राजनीतिक मजबूरी भी है. पार्टी की इतनी करारी हार के बाद अगर अध्यक्ष जिम्मेदारी नही ले तो इसका पार्टी के अंदर संदेश गलत जाएगा. पूरा चुनाव पार्टी राहुल गांधी के चेहरे को सामने कर लड़ी, नीति से रणनीति तक पार्टी अध्यक्ष के नाते उनकी भूमिका अहम रही तो ऐसे में हार की जिम्मेदारी क्या महज जिला औऱ राज्य स्तर के नेता तक सीमित रह जाएगी. खासतौर पर तब जबकि पार्टी 18 राज्यों में अपना खाता भी नही खोल पायी हो.
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