Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस बार रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. दरअसल, शुक्रवार (22 मार्च) को अखिलेश यादव ने सीतापुर जाकर वहां जेल में बंद पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद मोहम्मद आजम खान से मुलाकात की. अखिलेश यादव की आजम खान से जेल में मुलाकात के सियासी मायने को लेकर लोग तरह-तरह के कयास लग रहे हैं.


इस बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने इस मुलाकात को लेकर बड़ा दावा किया है. ओवैसी की पार्टी का दावा है कि अखिलेश यादव इस बार खुद रामपुर की सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. इसी वजह से उन्होंने सीतापुर जेल जाकर आजम खान से मुलाकात की है. ओवैसी की पार्टी का यह भी दावा है कि आजम खान ने अखिलेश यादव के रामपुर सीट से खुद चुनाव लड़ने की पेशकश को मंजूर कर लिया है और समर्थकों के जरिए चुनाव में पूरी मदद करने का वायदा भी किया है.


AIMIM ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना


ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रवक्ता मोहम्मद फरहान ने बयान जारी कर अखिलेश यादव के रामपुर सीट से चुनाव लड़ने का दावा करते हुए उन पर सियासी निशाना भी साधा है. उन्होंने कहा कि आजम खान पिछले लंबे अरसे से जेल में बंद हैं, लेकिन अखिलेश यादव को उनसे मुलाकात का वक्त अब चुनाव के वक्त जाकर मिला है. वह आजम खान से हमदर्दी जताने के लिए नहीं, बल्कि रामपुर से अपनी उम्मीदवारी पर मुहर लगवाने और उनसे मदद मांगने के लिए सीतापुर जेल गए थे.


'मुस्लिम आबादी अधिक होने की वजह से चुन रहे यह सीट'


प्रवक्ता मोहम्मद फरहान का दावा है कि अखिलेश यादव ने रामपुर सीट से खुद चुनाव लड़ने की वजह से ही आजमगढ़ सीट पर धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया है. यह भी दावा किया गया है कि अखिलेश यादव मुस्लिम बाहुल्य सीट होने की वजह से रामपुर को अपने लिए सबसे सुरक्षित मान रहे हैं. इसी वजह से वह वहां से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. दावा यह भी किया गया है कि आजम खान ने अखिलेश यादव की इस पेशकश को ग्रीन सिग्नल दे दिया है.


उपचुनाव में मिली थी सपा को हार


ओवैसी की पार्टी के दावे के बाद अब सियासी गलियारों में अखिलेश यादव के रामपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. सवाल यह है कि क्या अखिलेश यादव सच में रामपुर सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा जाने की तैयारी में हैं. रामपुर सीट पर आजम खान का दबदबा माना जाता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम खान ने यहां से बड़ी जीत दर्ज की थी. हालांकि सजायाफ्ता होने की वजह से उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद 2022 में हुए उपचुनाव में यहां समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था और बीजेपी के घनश्याम लोधी ने जीत दर्ज की थी. अखिलेश यादव ने पिछले दिनों यह बयान भी दिया था कि वह लोकसभा का चुनाव खुद लड़ेंगे और अपने उम्मीदवारों को भी लड़ाएंगे.