Pune RSS AIC Meeting: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित होने जा रही है. संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक की शुरुआत 14 सितंबर को होगी और समापन 16 सितंबर को होगा. अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले पुणे में होने जा रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इस बड़ी बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.


संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नेतृत्व में होने जा रही बैठक में बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित आरएसएस से जुड़े संघ के सभी 36 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी शामिल होकर अपने-अपने संगठन के कामकाज की रिपोर्ट देंगे और साथ ही भविष्य की रणनीति पर चर्चा भी करेंगे.


बैठक 14, 15 और 16 सितंबर 2023 को होगी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बैठक को लेकर बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली अखिल भारतीय समन्वय बैठक इस वर्ष महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित होने जा रही है. तीन दिवसीय यह समन्वय बैठक 14, 15 और 16 सितंबर 2023 को होगी. यह अखिल भारतीय स्तर की व्यापक समन्वय बैठक वर्ष में एक बार आयोजित होती है. 


आंबेकर ने आगे बताया कि इस बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित संघ के सभी पांचों सह सरकार्यवाह और अन्य प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे.


बैठक में 36 संघ प्रेरित अलग-अलग संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होंगे. जिसमें प्रमुख संगठन राष्ट्र सेविका समिति, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय किसान संघ, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ, संस्कार भारती, सेवा भारती, संस्कृत भारती, अखिल भारतीय साहित्य परिषद सहभागिता करेंगे.


इन विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा
ये संगठन और इनसे जुड़े पदाधिकारी समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में सेवा, समर्पण और राष्ट्र भाव से सक्रिय रहते हैं. पिछले वर्ष बैठक छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई थी. संघ नेता ने आगे कहा, "इस बैठक में सहभाग करने वाले सभी संगठन, सामाजिक जीवन के विविध पक्षों के अपने अनुभव और कार्यों के सन्दर्भ में विस्तृत चर्चा करेंगे."


बैठक में वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य के साथ ही सामाजिक समरसता, पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन, सेवा कार्य, सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा. सामाजिक परिवर्तन के विभिन्न क्षेत्रों में करणीय कार्यों पर भी चर्चा होगी."


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