पूर्वोत्तर की 25 में 22 सीटें बीजेपी का लक्ष्य! CM हिमंत बिस्व सरमा ने जमीनी स्थिति का लिया फीडबैक
2024 Lok Sabha Election: असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंत बिस्व सरमा ने पार्टी नेताओं को राज्य सरकार की लाभार्थी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने को लेकर जोर दिया है.
Lok Sabha Election 2024: असम बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे लोगों के दरवाजे पर जाएं और उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की लाभार्थी योजनाओं के बारे में बताएं.
देश के पूर्वोत्तर राज्यों में 25 लोकसभा सीटें हैं और असम में सबसे ज्यादा 14 सीटें हैं. भगवा खेमे ने यहां कम से कम 22 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है और यह तभी हासिल किया जा सकता है जब बीजेपी असम में 12-13 सीटें जीत ले.
असम में अब एक नई लोकसभा सीट
पिछले लोकसभा चुनावों में, असम में कांग्रेस के तीन उम्मीदवार, नागांव से प्रद्युत बोरदोलोई, कलियाबोर से गौरव गोगोई और बारपेटा निर्वाचन क्षेत्र से अब्दुल खालिक जीते थे. परिसीमन प्रक्रिया के बाद गोगोई का कलियाबोर निर्वाचन क्षेत्र अब अस्तित्व में नहीं है.
मतदाताओं की बदली हुई जनसांख्यिकी के साथ अब एक नई काजीरंगा लोकसभा सीट है. बीजेपी का मानना है कि वे नई सीट आसानी से जीत सकते हैं और गौरव गोगोई के वहां जीतने की कोई संभावना नहीं है.
बारपेटा में भी बीजेपी के पास अच्छा मौका
दो दशकों में नागांव बीजेपी का गढ़ रहा है और पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेन गोहेन ने चार बार इस सीट से जीत हासिल की है. गोहेन को पिछली बार छेड़छाड़ मामले में आरोपी होने के कारण टिकट नहीं दिया गया था, हालांकि इस बार वह वहां संभावित उम्मीदवार हैं. नगांव में गोहेन और अगली पीढ़ी के बीजेपी नेताओं के बीच खींचतान चल रही है और अगर चुनाव तक यह खींचतान जारी रही तो बीजेपी को यह सीट वापस जीतने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
वहीं, खलीक की सीट बारपेटा पर मुस्लिम वोटों का दबदबा है लेकिन बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ वहां उम्मीदवार उतारेगी. अगर मुकाबला त्रिकोणीय हुआ तो बारपेटा में भी बीजेपी के पास अच्छा मौका है.
सरमा ने पार्टी नेताओं को दिया ये काम
हाल ही में हिमंत बिस्व सरमा ने तिनसुकिया जिले के सभी विधायकों और सांसदों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में बीजेपी के दो सहयोगी दलों- असम गण परिषद और बोडोलैंड में यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल के नेता भी मौजूद थे.
सरमा ने पार्टी नेताओं को केंद्र और राज्य सरकार की लाभार्थी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने पर जोर देने का निर्देश दिया और उन्होंने पार्टी विधायकों से नजर रखने को कहा.
'पंचायत चुनाव बिना पार्टी सिंबल के'
इस बीच, राज्य में इस साल दिसंबर में पंचायत चुनाव होने हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि इस साल स्थानीय निकाय चुनाव नहीं हो रहे हैं. इसे कम से कम छह महीने के लिए टाल दिया जाएगा.' लोकसभा चुनाव खत्म होते ही पार्टी पंचायत चुनाव की तैयारी करेगी.
परिसीमन के बाद, विभिन्न ग्राम पंचायतों में सीमाओं का एक बड़ा बदलाव हुआ. राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव बिना पार्टी सिंबल के कराने का फैसला किया है. हालिया परिसीमन प्रक्रिया को लेकर जमीनी स्तर पर एक तरह का असंतोष रहा है. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी नेताओं को मुद्दों का जल्द समाधान करना चाहिए.
अभिनव अभियान शुरू करने का है फैसला
बैठक में प्रत्येक लोकसभा सांसद ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों की जमीनी स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री को फीडबैक दिया. फिलहाल राज्य में बीजेपी के नौ सांसद हैं. सरमा टैली में बढ़ोतरी की बेसब्री से उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से साफ कहा कि 12 सीटों पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी को तुरंत जमीनी स्तर पर काम शुरू कर देना चाहिए.
असम बीजेपी की महिला शाखा ने नवविवाहित लड़कियों को पार्टी की विचारधारा की ओर आकर्षित करने के लिए एक अभिनव अभियान शुरू करने का फैसला किया है. पार्टी की महिला नेता सभी नवविवाहित लड़कियों के घर जाएंगी. इसकी शुरुआत अक्टूबर में होगी.
बीजेपी पूर्वोत्तर में अधिक सीटों की तलाश में
असम के मुख्यमंत्री पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) के संयोजक का कर्तव्य निभाने के अलावा, क्षेत्र के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ अच्छे समीकरण साझा करते हैं. बीजेपी पूर्वोत्तर में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत की तलाश में है.
सरमा ने पूर्वोत्तर बीजेपी नेताओं की एक बैठक में भी हिस्सा लिया, जहां उन्होंने कहा कि भगवा खेमा पूर्वोत्तर में अधिकतम सीटें जीतने का लक्ष्य बना रहा है. वह जानते हैं कि यह एक कठिन काम है और इसलिए असम बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से काफी पहले अपना लोकसभा अभियान शुरू कर दिया है.
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