कांग्रेस की 16 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति को लेकर अटकलें तेज, राजस्थान से नहीं हैं कोई नेता शामिल
Congress CEC: देश में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 और उससे पहले पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव के लेकर कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव समिति का गठन किया है. इस समिति में राजस्थान का कोई नेता शामिल नहीं है.
Rajasthan Assembly Poll 2023: कांग्रेस ने आखिरकार 16 सदस्यीय चुनाव समिति की घोषणा कर दी है, जो आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए व्यवस्थाओं और निर्णय लेने की निगरानी करेगी, लेकिन इसमें राजस्थान से कोई नहीं है जिससे व्यापक अटकलें लगाई जा रही हैं.
समिति में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से एक-एक नेता को शामिल किया गया है, हालांकि, उसने चुनावी राज्य राजस्थान से एक भी नेता का चयन नहीं किया है. समिति में मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अंबिका सोनी, सलमान खुर्शीद शामिल हैं.
इन्हें इस समिति में नहीं मिली जगह
हालांकि, इस 16 सदस्यीय चुनाव समिति में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और यहां तक कि प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे नेताओं को भी शामिल नहीं किया गया है. पार्टी नेताओं ने कहा कि आलाकमान ने पार्टी नेताओं को एक संदेश देने का प्रयास किया है, और यह प्रतिबिंबित करने की कोशिश की है कि चुनाव पारदर्शी तरीके से होंगे और किसी भी खेमे के लिए कोई पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं होगा.
क्या इस वजह से पार्टी ने यह संदेश दिया?
राजस्थान कांग्रेस दो गुटों में बंटी हुई है, एक पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और दूसरे पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का कब्जा है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि इसलिए, पार्टी ने यह संदेश देने के लिए किसी भी नेता को शामिल नहीं किया है कि चुनाव किसी चेहरे पर नहीं लड़ा जाएगा और टिकट वितरण केंद्रीय नेतृत्व के माध्यम से किया जाएगा और स्थानीय नेताओं की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी.
चुनाव समिति का गठन में भी दोनों गुट बंट गई थी
कांग्रेस ने एक महीने पहले भी 29 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा चुनाव समिति का गठन किया था. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट इसके सदस्यों में शामिल किए गए थे. जबकि इस सूची के मुताबिक इसमें सचिन पायलट के समर्थकों को अशोक गहलोत के समर्थकों से कम प्राथमिकता देने की बात सामने आई थी.
समिति में कांग्रेस के राजस्थान सरकार के 16 मंत्रियों को शामिल किया गया. इनमें गहलोत के समर्थन वाले आठ और पायलट खेमे से सिर्फ दो मंत्री को स्छान मिला था. जबकि बाकी छह मंत्री किसी खेमे में नहीं थें.
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