Chunavi Kissa: कौन था वो सांसद, जिसने 1 वोट से गिरा दी थी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार, पढ़ें पूरा किस्सा
Lok Sabha Elections 2024: बात 1999 की है, जब भारत कि सत्ता पर 13 महीने पुरानी एनडीए सरकार थी. उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी ने 10वें पीएम के रूप में कार्यभार संभाला था, जानिए मजेदार चुनावी किस्सा.
![Chunavi Kissa: कौन था वो सांसद, जिसने 1 वोट से गिरा दी थी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार, पढ़ें पूरा किस्सा Lok Sabha Election 2024 Atal Bihari Vajpayee government lost confidence motion in 1999 due to 1 vote Chunavi Kissa: कौन था वो सांसद, जिसने 1 वोट से गिरा दी थी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार, पढ़ें पूरा किस्सा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/05/42a3e14be817d234c77598bc8d33f9891712306665023966_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Atal Government Lost Confidence Motion: देश में ऐसे कई सियासी घटनाक्रम हैं, जो लोगों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ जातें है, ऐसा ही एक किस्सा आज हम आपको बताएंगे जब 13 महीने पुरानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार लोकसभा में मात्र एक वोट के कारण अविश्वास प्रस्ताव हार गई थी.
उस समय देश में अटल बिहारी वाजपेयी 10वें पीएम के तौर पर कार्यभार संभाल रहें थे. ये सब एक सांसद के वोट की वजह से हुआ था तो आइए जानते है कौन था वो सांसद, जिसके एक वोट से साल 1999 में अटल बिहारी सरकार गिर गई थी. पढ़िए यह मजेदार चुनावी किस्सा:
एक वोट जिसने गिराई थी 'अटल' सरकार
अटल बिहारी वाजपेयी साल 1998 में ही दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद पर बैठे थे. सरकार 13 महीने बाद साल 17 अप्रैल 1999 को मात्र एक वोट से लोकसभा में विश्वास मत जीतने में असफल रही थी. उस वक्त राजनीतिक गलियारों में कई नामों पर चर्चा होती है, जिनकी वजह से वाजपेयी सरकार अपने 13 महीने के छोटे से कार्यकाल के बाद ही अचानक एक वोट से विश्वास प्रस्ताव हार गयी थी.
वो सांसद जिसके एक वोट से हारी थी सरकार
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में पीएम के निजी सचिव रहे शक्ति सिन्हा ने अपनी बुक 'द इयर्स दैट चेंज्ड इंडिया' में उस वक्त से जुड़े कई किस्से लिखें है. उन्होंने, अपनी बुक में कई नेताओं का जिक्र किया है, जिनके समर्थन वापस लेने के बाद अटल सरकार एक वोट से गिर गई थी. इन्हीं में एक नाम सामने आता है अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी की जे जयललिता का. कहा जाता है कि उन्हीं के समर्थन वापस लेने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार अल्पमत में गई और फिर बाद में लोकसभा में विश्वास मत हार गई थी. चर्चाओं में जिक्र तो इस बात का भी किया जाता है की वाजपेयी सरकार को गिराने के उस एक वोट के पीछे असल में तल्कालीन कांग्रेस सांसद गिरधर गमांग और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सैफुद्दीन सोज जिम्मेदार थे. अटल सरकार के गिरने के अगले ही दिन फारुख अब्दुल्लाह ने सोज को पार्टी से निकल दिया था.
269 के मुकाबले विपक्ष में पड़े से 270 वोट
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को 17 अप्रैल 1999 में लोकसभा में बहुमत साबित करना था पर उस दिन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को समर्थन में 269 वोट मिले थे. वहीं, विपक्ष में 270 वोट पड़े थे. बीजेपी की वाजपेयी सरकार ने अपने 13 महीने के छोटे कार्यकाल में विश्वास मत हारने के बाद इस्तीफा दे दिया था.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)