Lok Sabha Election 2024: पीएम मोदी-राहुल गांधी के भाषण पर EC को जवाब देगी कांग्रेस-BJP, जानें किस बयान पर मिला नोटिस
Congress-BJP Reply To EC: नफरती भाषण के मामले में आज बीजेपी-कांग्रेस जवाब दाखिल करेंगी. पिछले दो दशक में ये पहली बार है जब पीएम के बयान पर नोटिस जारी किया गया है.
Congress-BJP Reply To Election Commission: चुनावी रैलियों में नफरती भाषण देने के मामले में चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब आज बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे देंगे. कांग्रेस और बीजेपी की ओर से की गई शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने एक्शन लेते हुए 25 अप्रैल को दोनों पार्टियों को नोटिस जारी किया था.
पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से रैली के दौरान हेट स्पीच का मामला सामने आया था. ये पहली बार है, जब चुनाव आयोग ने भाषण देने वाले को नहीं, बल्कि पार्टी अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधि कानून 1951 के सेक्शन 77 के तहत नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने माना है पीएम मोदी और राहुल गांधी ने जो भाषण दिया वो नफरत फैलाने वाला और समाज में दूरी पैदा करने वाला है.
बीजेपी को नोटिस
पीएम मोदी ने राजस्थान की एक रैली में कांग्रेस पार्टी पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगया था. पीएम ने कहा कांग्रेस आपकी संपत्ति और अधिकार को छीनकर मुसलमानों को दे देगी. इसमें उन्होने कांग्रेस के घोषणापत्र और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के 2009 के बयान का हवाला दिया था, जिसके बाद कांग्रेस, सपा और लेफ्ट पार्टियों की ओर से इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी.
कांग्रेस को नोटिस
रैली के दौरान कांग्रेस नेता के हेट स्पीच के मामले में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. राहुल गांधी ने केरल में 12 अप्रैल को एक रैली के दौरान कहा था कि सिर्फ 22 लोगों के पास 77 फीसदी संसाधनों पर कब्जा है. देश में गरीबी बढ़ी है, लेकिन उनकी सरकार आई तो गरीबी खत्म कर देंगे. इसके बाद बीजेपी ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस दावे को झूठा करार दिया था और चुनाव आयोग से इस मामले पर कंप्लेन की गई थी.
चुनाव आयोग नोटिस
चुनाव आयोग के मुताबिक राजनीतिक दलों को अपने प्रचारकों के द्वारा दिए भाषण की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इलेक्शन कमीशन ने कहा 'राजनीतिक दलों को अपने कैंडिडेट के काम की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. शीर्ष पदों पर बैठे लोगों के स्पीच का प्रभाव अधिक होता है'. आदर्श आचार संहिता के लिए जनप्रतिनिधि कानून 1951 लागू किया गया है, जिसे हर किसी को मानना होता है.
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