Election 2024: जिन्होंने कभी क्लास मॉनिटर का चुनाव नहीं लड़ा वो संभाल रहे पार्टी, गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश पर कसा तंज
Lok Sabha Election: गौरव वल्लभ ने कहा कि पार्टी को अब पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के पीए संभाल रहे हैं. उन्हें नहीं पता कि चुनाव कैसे लड़ना है. वे शायद नहीं जानते कि यूपी और बिहार अलग-अलग राज्य हैं.
Gourav Vallabh jibe at Jairam Ramesh: भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने रविवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश पर निशाना साधा. गौरव वल्लभ ने कहा कि जिन लोगों ने कभी क्लास मॉनिटर का चुनाव भी नहीं लड़ा, वे अब पार्टी संभाल रहे हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में गौरव वल्लभ ने पहले तो जयराम रमेश का नाम नहीं लिया, लेकिन जब रिपोर्टर ने जयराम रमेश का नाम लिया तो उन्होंने जोर देकर कहा कि वह उसी व्यक्ति के बारे में बात कर रहे थे.
30 साल से एक ही आदमी बना रहा कांग्रेस का घोषणापत्र
गौरव वल्लभ ने आगे कहा "जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ तब 42 सांसद थे. मैं यह सोचकर कांग्रेस में गया था कि वे नए विचारों को प्रोत्साहित करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. उदाहरण के लिए पिछले 30 वर्षों से कांग्रेस का घोषणापत्र एक ही व्यक्ति बना रहा है. यदि उस व्यक्ति के विचार मजबूत होते तो आज पार्टी इस स्थिति में नहीं होती.
'राम मंदिर की वजह से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से किया था इनकार'
कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता गौरव ने ये भी बताया कि उन्हें बजट के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने पीसी करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जब तक कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन नहीं कर आता तब तक वह प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करेंगे.
पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के पीए संभाल रहे हैं पार्टी
पूर्व कांग्रेस नेता गौरव ने कहा कि पार्टी को अब पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के पीए संभाल रहे हैं. पीए को नहीं पता कि चुनाव कैसे लड़ना है. वे शायद नहीं जानते कि उत्तर प्रदेश और बिहार अलग-अलग राज्य हैं. अगर आप उनसे यह पूछेंगे तो वे भ्रमित हो जाएंगे. अगर आप उनसे पूछेंगे कि जालोर, सरोही कहां हैं तो वे कहेंगे शायद मध्य प्रदेश.. यह उनका ज्ञान है. ऐसे नेताओं का ग्राउंड कनेक्शन बेहद कमजोर है."
उस शख्स को अपनी राज्यसभा सीट बचाने में दिलचस्पी
गौरव यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, “जब मैं कॉलेज में था तब वह व्यक्ति वर्षों पहले कांग्रेस का प्रवक्ता था, अब वही कम्यूनिकेशन सेल का हेड है. उन्हें कांग्रेस की विचारधारा में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्हें केवल अपनी राज्यसभा सीट बरकरार रखने में दिलचस्पी है.”
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