Lok Sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शनिवार (2 मार्च) को 195 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार पवन सिंह को पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाया गया था. इसके एक दिन बाद ही यानी रविवार (3 मार्च) को पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर ऐलान कर दिया कि वह निजी कारणों से चुनाव नहीं लड़ेंगे.
इस बीच चर्चा है कि बीजेपी आसनसोल से पवन सिंह की जगह किसी महिला उम्मीदवार को उतारने की प्लानिंग कर रही है. इस महिला उम्मीदवार के भोजपुरी फिल्मों की हीरोइन होने की चर्चाएं सियासी गलियारों में तेजी से फैल रही हैं. संभावना है कि अब बीजेपी आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ भोजपुरी हीरोइन अक्षरा सिंह को लड़ा सकती है. अक्षरा सिंह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम है. वह बिहार के साथ अन्य राज्यों में भी काफी लोकप्रिय हैं.
जन सुराज अभियान से भी जुड़ी थीं अक्षरा सिंह
अक्षरा सिंह राजनीतिक महत्वकांक्षा भी रखती हैं. पिछले साल वह प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान से भी जुड़ी थीं. हालांकि, अब जबकि पवन सिंह का टिकट कट गया है तो चर्चा है कि अक्षरा सिंह बीजेपी की पसंद हो सकती हैं. हालांकि, सवाल यह है कि आखिर बीजेपी आसनसोल से भोजपुरी स्टार को टिकट क्यों देना चाहती है?
आसनसोल का सियासी समीकरण
दरअसल, आसनसोल का जो सियासी समीकरण है, उसमें बिहारी वोटरों की अहम भूमिका है. आसनसोल में गैर बंगाली वोटर करीब 5 प्रतिशत है. इनमें से ज्यादातर मूल रूप से बिहार, झारखंड के रहने वाले हैं. यह लोग कोयला खदान और स्टील फैक्ट्री में काम करते हैं.
भोजपुरी इंडस्ट्री की बड़ी कलाकार हैं अक्षरा
वहीं, पवन सिंह से जुड़े विवादों को छोड़ दें तो अक्षरा सिंह की छवि साफ-सुथरी है. इतना ही नहीं वह इस वक्त भोजपुरी इंडस्ट्री की सबसे बड़ी हीरोइन हैं. वह पिछले दस सालों से भोजपुरी इंडस्ट्री में काम कर रही हैं. इंस्टाग्राम पर 6 मिलियन से ज्यादा फॉलोवर वाली अक्षरा दर्जन भर से ज्यादा भोजपुरी हिट फिल्में दे चुकी हैं. अक्षरा सिंह के स्टेज शो में भारी भीड़ जुटती रही है.
टिकट मिलने के बाद ट्रोल हुए पवन सिंह
पवन सिंह को टिकट मिलने के आधा घंटा भी नहीं बीते थे कि सोशल मीडिया पर पवन सिंह को ट्रोल किया जाने लगा. उनके भोजपुरी फिल्मों के पोस्टर शेयर किए जाने लगे. बीजेपी विरोधी दलों ने पोस्टरों के जरिए पवन सिंह की फिल्मों को महिलाओं का अपमान और अश्लील बताकर मुद्दा बनाने लगे.
सूत्रों के मुताबिक इस वजह से पवन सिंह को चुनाव न लड़ने का ऐलान करना पड़ा. बीजेपी नहीं चाहती थी कि पार्टी की तरफ से ये संदेश जाए कि उनका टिकट वापस लिया गया है. लिहाजा पवन सिंह ने खुद ही निजी कारणों का हवाला देकर सोशल मीडिया पर इसका ऐलान कर दिया. पवन सिंह का ये सोशल मीडिया पोस्ट आग की तरह फैल गया और देखते ही देखते बीजेपी विरोधी दलों को हमले का मौका मिल गया.
यह भी पढ़ें- Lok Sabha Elections: सीएम योगी क्यों पॉपुलर? हिंदुत्व नहीं, इस फैक्टर ने बना दिया लोगों का नेता, हम नहीं सर्वे कह रहा