Lok Sabha Election 2024: वाराणसी दशकों से भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गढ़ रहा है. 2014 में यहां नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल के बीच हाई प्रोफाइल मुकाबला देखने को मिला. यह मुकाबला मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी की जीत के साथ खत्म हुए. उन्होंने लाख से ज्यादा वोट से जीत अर्जित की. चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) भी 2 लाख से ज्यादा मत हासिल करने में सफल रही.
वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है. 1957 के बाद से बीजेपी ने यहां सात बार और कांग्रेस ने छह बार यह सीट जीती है. 1991 के बाद से यहां बीजेपी का रिकॉर्ड शानदार रहा है. वह इस सीट पर आखिरी बार 2004 में कांग्रेस से हारी थी.
इस निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले दो लोग प्रधानमंत्री बने हैं. इनमें पीएम मोदी और पूर्व पीएम चंद्र शेखर का नाम शामिल है. यह उत्तर प्रदेश के उन ग्यारह निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जहां समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी ने कभी जीत हासिल नहीं की है.
2014 की रणनीति
पीएम मोदी से पहले वाराणसी सीट पर बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी का कब्जा था. 2014 में पार्टी को पता था कि कांग्रेस को बाहर करने और केंद्र में सत्ता में आने का उसका रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगा. यहां लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीट हैं.
यूपी से जीत हासिल करने का उद्देश्य पड़ोसी राज्य बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव को प्रभावित करना भी था.पीएम मोदी 2019 में भी इस सीट से चुनाव लड़े और उन्होंने समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव के खिलाफ 4.7 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में कुल 75 हिंदू आबादी है. वहीं, 20 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है, जबकि 5 फीसदी लोग अन्य धर्मों से हैं. इसकी 65% प्रतिशत आबादी शहरी और 35% ग्रामीण है. वाराणसी में 10.1 प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति से हैं और अनुसूचित जाति 0.7 फीसदी है.
पीएम मोदी को मिला छप्पड़ फाड़ वोट
पिछले कुछ साल में विजयी उम्मीदवारों के वोट शेयर में काफी उतार-चढ़ाव आया है. 1999 में बीजेपी ने 33.4 फीसदी वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी और 2004 में कांग्रेस ने 32.6 फीसद वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी. 2009 में, मुरली मनोहर जोशी ने 30.5 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी, जो 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए 56.4 प्रतिश और 2019 में 63.6 प्रतिशत वोट मिला था.
इस बार कांग्रेस-बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला
इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है. ऐसे मेंअटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी शुरुआत कर सकती हैं. हालांकि बीजेपी ने भी आधिकारिक तौर पर इस सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन पीएम मोदी के दोबारा वहां से चुनाव लड़ने की संभावना है.
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