Lok Sabha Elections 2024: मोदी लहर और इमरजेंसी में भी जहां नहीं हारी कांग्रेस, उस छिंदवाड़ा का पॉलिटिकल गेम क्या है? समझें वोटों का गणित
Lok Sabha Elections 2024: छिंदवाड़ा में बीजेपी अब तक एक ही बार लोकसभा चुनाव जीत पाई है, लेकिन इस बार कमलनाथ के लिए अपना किला बचा पाना आसान नहीं होगा. देश के सबसे अमीर सांसद पर हार का खतरा है.
Lok Sabha Elections 2024 Election Profile: देश के दिल मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हॉट मानी जा रही है. इस सीट पर मुकाबला सिर्फ हाई प्रोफाइल नहीं, बल्कि कमलनाथ और कांग्रेस की साख का भी है. मध्य प्रदेश की 6 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है, इनमें छिंदवाड़ा सबसे हाई प्रोफाइल सीट है. कमलनाथ का गढ़ माने जाने वाले छिंदवाड़ा में बीजेपी सिर्फ एक बार ही जीत हासिल कर पाई है और यह जीत भी उपचुनाव में मिली थी. 2019 में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में 28 बीजेपी के खाते में गई थी, लेकिन छिंड़वाड़ा नाथ परिवार के चलते कमल नहीं खिल पाया था. अब छिंदवाड़ा की सियासी हवा बदली है और जानकारों का मानना है कि इस बार कांग्रेस के लिए छिंदवाड़ा सीट बचा पाना आसान नहीं होगा.
छिंदवाड़ा में 14 लोकसभा चुनाव हुए हैं और 13 बार कांग्रेस उम्मीदवार को जीत मिली है. 1998 से लगातार कमलनाथ के परिवार का कोई न कोई सदस्य यहां से सांसद रहा है. कमलनाथ 9, उनकी पत्नी अलकानाथ और नकुलनाथ एक-एक बार चुनाव जीते हैं. बीजेपी को यहां एकमात्र जीत 1997 उपचुनाव में मिली थी और चंद्रभान सिंह सांसद बने थे. अपातकाल में भी छिंदवाड़ा में कांग्रेस उम्मीदवार ही जीता था.
छिंदवाड़ा के जातीय समीकरण
छिंदवाड़ा में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यहां 37 फीसदी एसटी मतदाता हैं. 12 फीसदी एससी मतदाता हैं और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 5 फीसदी के करीब है. हालांकि, यहां जातीय समीकरण ज्यादा मायने नहीं रखता, क्योंकि कमलनाथ लंबे समय से यहां के सांसद रहे हैं और जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ है. यही वजह है कि जिले की सभी 7 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. यहां जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने अलग रणनीति बनाई है और राज्य में छिंदवाड़ा जिले को ही केंद्र सरकार की योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ मिला है.
क्या है बीजेपी की तैयारी?
छिंदवाड़ा में बीजेपी लाभार्थियों को अपना वोट बैंक बनाना चाहती है. इसके लिए मुफ्त राशन, आयुष्मान कार्ड, पीएम आवास और उज्जवला जैसी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा के लोगों को ही मिला है. बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू ने एक इंटरव्यू में यह दावा किया. इसके अलावा बीजेपी ने कांग्रेस को कमजोर करने के लिए भी पूरी कोशिश की है. पहले तो कमलनाथ के ही बीजेपी में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि, उनके करीबी नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में बीजेपी में शामिल हुए हैं, इससे जमीनी स्तर पर कांग्रेस कमजोर हुई है.
देश के सबसे अमीर सांसद को चुनौती देंगे विवेक
बीजेपी के विवेक बंटी साहू लगातार छिंदवाड़ा में सक्रिय रहे हैं और कमलनाथ को कड़ी चुनौती देते रहे हैं. 2019 विधानसभा उपचुनाव में वह कमलनाथ के खिलाफ सिर्फ 25 हजार वोट से पीछे थे. 2023 में यह अंतर 34 हजार वोट का था. 2019 में नकुलनाथ भी सिर्फ 37 हजार वोट के अंतर से ही जीते थे. ऐसे में मौजूदा हालात इस बात के संकेत देते हैं कि छिंदवाड़ा में कांटे की टक्कर हो सकती है.
यह भी पढ़ेंः Lok Sabha Elections 2024: यूपी की फतेहपुर सीकरी सीट पर अपनों की बगावत ने बिगाड़ा BJP का खेल, MLA का बेटे ने छेड़ दिया महासंग्राम