Lok Sabha Election 2024: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट से 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं. इन अटकलों को लेकर बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और यहां के विपक्षी दल के बीच राजनीतिक तकरार शुरू हो गया है. बिहार के मंत्री और उत्तर प्रदेश के लिए जनता दल यूनाइटेड के प्रभारी श्रवण कुमार के हाल में कहा कि ऐसी 'मांगें' उठ रही हैं पार्टी प्रमुख पड़ोसी राज्य से चुनावी मैदान में उतरें. इसके बाद कुमार के उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गईं.


श्रवण कुमार ने बुधवार (2 अगस्त) को एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा, 'मैं हाल में जौनपुर में था और वहां बहुत मांग थी कि माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने पर विचार करें.' कैबिनेट के सबसे वरिष्ठ सदस्य और पूर्व राज्य जदयू अध्यक्ष बिजेंद्र यादव ने पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, 'न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि कई अन्य राज्यों में हमारी इकाइयां चाहती हैं कि मुख्यमंत्री वहां से चुनाव लड़ें. बेशक, इस बारे में पार्टी नेता को निर्णय लेना है.'


'यह बिहार के लिए गर्व की बात है'
नीतीश कुमार ने पिछले साल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़ लिया था और 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को हराने की मुहिम में लगे हुए हैं. उनके बारे में अटकलें जोरों पर हैं कि वह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सीट के रूप में प्रसिद्ध फूलपुर से चुनाव लड़ सकते हैं. यह संसदीय सीट के तहत प्रयागराज शहर का एक बड़ा हिस्सा आता है और वहां कुर्मी जाति की एक बड़ी आबादी है, जिससे कुमार संबंधित हैं. 


जेडीयू नेता श्रवण कुमार ने कहा, 'यह सिर्फ फूलपुर नहीं है. हाल में उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान मुझे एहसास हुआ कि फतेहपुर और प्रतापगढ़ समेत कई अन्य सीटें हैं, जहां हमारी पार्टी चाहती है कि मुख्यमंत्री लड़ें. उन्हें लगता है कि इससे माहौल बनेगा.' बिहार में जदयू की  सहयोगी पार्टी आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव से जब यह पूछा गया कि वह नीतीश के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने के बारे में क्या सोचते हैं, तो उन्होंने कहा, 'अगर उस राज्य के लोग चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए. यह बिहार के लिए गर्व की बात है कि हमारे नेता की लोकप्रियता बिहार की सीमाओं से परे है.'


बीजेपी का जदयू नेता पर निशाना
इस सीट का नेहरू से जुड़ाव रहा है और उनकी मृत्यु के बाद विजय लक्ष्मी पंडित ने यहां से जीत दर्ज की थी लेकिन अब फूलपुर कांग्रेस की पकड़ से निकल चुकी है. आखिरी बार 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या से उत्पन्न लहर के समय पार्टी ने इस सीट से जीत हासिल की थी. बिहार में जदयू की दूसरी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के विधायक दल के नेता शकील अहमद खान से नीतीश के फूलपुर से चुनाव लड़ने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने पीएम मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा, 'क्यों नहीं? जब गुजरात का कोई व्यक्ति वाराणसी से चुनाव लड़ सकता है और जीत सकता है, तो हम उत्तर प्रदेश के बहुत करीब हैं.'


नीतीश के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने की चर्चा से नाराज दिख रही बीजेपी के नेताओं ने इसे लेकर जदयू के शीर्ष नेता पर निशाना साधा. बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और बीजेपी की बिहार इकाई के प्रमुख सम्राट चौधरी ने अलग-अलग कड़े शब्दों में बयान दिए. और आरोप लगाया कि नीतीश अपने घरेलू क्षेत्र में अपनी लोकप्रियता खो चुके हैं और अगर वह पड़ोसी राज्य में जाते हैं तो उन्हें अपमान का सामना करना पड़ेगा. दोनों नेताओं ने जदयू पर फूलपुर को 'जातीय अंकगणित' से सोचने का भी आरोप लगाया.


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