लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की तीसरी लिस्ट ने चौंकाया, 17 में से 11 कर्नाटक के मंत्रियों के रिश्तेदार
Lok Sabha Election: कांग्रेस ने कर्नाटक में 5 राज्य कैबिनेट मंत्रियों के बच्चों को टिकट दिया है. इस पर बीजेपी का कहना है कि यह सामाजिक न्याय की वकालत करने के कांग्रेस के झूठे दावों को उजागर करती है.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कर्नाटक कांग्रेस ने गुरुवार (21 मार्च) को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 17 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता वाली समिति ने कोलार, चित्रदुर्ग, चिक्कबल्लापुर, चामराजनगर और बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों को अंतिम रूप नहीं दिया है. राज्य में दो चरणों में मतदान होना है.
पार्टी ने जिन 17 उम्मीदवारों को टिकट दिया है, उनमें 11 मंत्रियों के बच्चे शामिल हैं. टिकटों बंटवारे के दौरान राजनीतिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों की पसंद को लेकर पार्टी सदस्यों के बीच बहस हुई. इससे पहले कांग्रेस ने 8 मार्च को कर्नाटक के सात उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी.
पाटिल यतनाल ने की कांग्रेस की आलोचना
इस बीच बीजेपी नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने पार्टी के जमीनी स्तर से जुड़े कार्यकर्ताओं को छोड़ मंत्रियों के बच्चों को प्राथमिकता देने पर कांग्रेस की आलोचना की. यतनाल ने कहा, "कांग्रेस पार्टी अपने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को अवसर प्रदान करने के बजाय वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है."
पार्टी ने बेलगावी क्षेत्र में प्रभुत्व रखने वाले कैबिनेट मंत्री सतीश जारकीहोली की बेटी प्रियंका जारकीहोली को चिक्कोडी सीट से टिकट दिया है. बेलगावी क्षेत्र में जारकीहोली परिवार पहले से ही कर्नाटक में कई प्रमुख पदों पर है. प्रियंका पहली बार चुनाव लड़ेंगी.
पूर्व मंत्री राजशेखर पाटिल को किया नजरअंदाज
इसके अलावा बेलगावी से पार्टी ने डीके शिवकुमार समर्थित कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणाल को टिकट दिया है. मृणाल भी इस बार राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं. हालांकि, पूर्व मंत्री राजशेखर पाटिल को नजरअंदाज कर दिया गया है. वह बीदर से लोकसभा टिकट की मांग कर रहे थे. उनकी जगह कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री ईश्वर खंड्रे के बेटे सागर खंड्रे को टिकट दिया हैच
कोप्पल से राजशेखर हितनाल को टिकट दिया गया है, जो विधायक और सिद्धारमैया के समर्थक राघवेंद्र हितनाल के भाई हैं. दावणगेरे से टिकट प्रभा मल्लिकार्जुन को आवंटित किया गया है, जो कैबिनेट मंत्री एसएस मल्लिकार्जुन की पत्नी हैं.
बेंगलुरु दक्षिण से सौम्या रेड्डी को टिकट दिया गया है, जो परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी हैं. वहीं, बेंगलुरु ग्रामीण से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश को टिकट दिया गया है. शिवमोग्गा से पूर्व सीएम बंगारप्पा की बेटी और कैबिनेट मंत्री मधु बंगारप्पा की बहन गीता शिवराजकुमार को टिकट दिया गया है.
जेडीएस के गढ़ हासन से कांग्रेस ने श्रेयस पटेल को टिकट दिया है, जो पुट्टस्वामी गौड़ा के पोते हैं. कांग्रेस ने बागलकोट से मंत्री शिवानंद पाटिल की बेटी संयुक्ता पाटिल को चुना है. मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद राधाकृष्ण को गुलबर्गा से ताल ठोंकेंगे.
कांग्रेस कार्यकर्ता हुए नाराज
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक लिस्ट जारी होने के बाद एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि वह दो दशकों से अधिक समय से कांग्रेस में काम कर रही है. इस लिस्ट का सामाजिक न्याय से कोई लेना-देना नहीं है. राजनीतिक रूप से समर्थित परिवारों की अगली पीढ़ी को राजनीति में लाया जा रहा है. हमारे जैसे कार्यकर्ता, जो दिन-रात काम कर रहे हैं. वह आज भी सड़कों पर उनके लिए प्रचार कर रहे हैं.
बीजेपी नेताओं का तर्क है कि यह लिस्ट पार्टी के भीतर सामाजिक न्याय या योग्यता को बढ़ावा देने के बजाय वंशवादी राजनीतिक विरासत के प्रति कांग्रेस के झुकाव को दर्शाती है. बीजेपी प्रवक्ता एस प्रकाश ने सूची की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह सामाजिक न्याय की वकालत करने के कांग्रेस के झूठे दावों को उजागर करती है.
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