Amethi Lok Sabha Seat: आखिरकार सस्पेंस खत्म हुआ और कांग्रेस ने यूपी की दो अहम सीटों, रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. जहां रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे तो वहीं अमेठी से पार्टी ने सोनिया गांधी के खास केएल शर्मा को टिकट दिया है. इन दोनों ही लोकसभा सीटों पर पांचवें चरण में वोटिंग होनी है. नामांकन की आज आखिरी तारीख थी और कांग्रेस की तरफ से आज ही उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है.
हर किसी के जेहन में सवाल आ रहा है कि जहां अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की खबरें कुछ दिनों पहले तक सामने आ रही थीं तो पार्टी ने केएल शर्मा को क्यों चुना? रायबरेली और लंबे समय से ये दोनों ही लंबे समय से गांधी परिवार का गढ़ रहे हैं. रायबरेली से तो बीच में प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की बातें तक होने लगी थीं. वहीं उनके पति रॉबर्ट वाड्रा कई बार बयानों के जरिये इशारा कर चुके थे कि वह अमेठी से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, लेकिन कांग्रेस ने यहां से गैर-गांधी को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है.
पुरानी परंपरा की तरफ पार्टी?
विशेषज्ञों की मानें तो पार्टी केएल शर्मा को टिकट देकर अपनी पुरानी परंपरा की तरफ लौटने का इशारा कर रही है. अगर राजनीति इतिहास की तरफ नजर दौड़ाएं तो साल 1990 की शुरुआत में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. 1991 तक राजीव गांधी यहां से सांसद थे, लेकिन उनके निधन के बाद हुए उपचुनावों में पार्टी ने सतीश शर्मा को उम्मीदवार बनाया. सतीश शर्मा 1996 में दोबारा यहां से चुने गए, लेकिन 1998 के चुनाव में उन्हें बीजेपी के संजय सिंह ने मात दे दी थी.
इसके बाद 1999 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो आठ साल के बाद गांधी परिवार का सदस्य अमेठी लौटा, जब सोनिया गांधी की उम्मीदवारी का ऐलान पार्टी ने किया. साल 2004 में राहुल गांधी ने अमेठी से ही अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया था. राहुल को पहले ही चुनाव में जीत हासिल हुई थी. साल 2019 तक राहुल यहां से सांसद थे, लेकिन उस साल हुए चुनावों में स्मृति ईरानी ने 55,000 वोटों से हरा दिया था.
कौन हैं केएल शर्मा
अमेठी सीट से कांग्रेस के भावी प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा की पहचान सोनिया गांधी के करीबी नेता के रूप में रही है. मूल रूप से लुधियाना, पंजाब के रहने वाले के एल शर्मा लंबे समय से रायबरेली में सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि के रूप में काम करते आए हैं. करीब चार दशक से अमेठी, रायबरेली में संगठन का काम कर रहे के एल शर्मा को इन दो जिलों की एक–एक गली मालूम है और हर कांग्रेसी इन्हें जनता है. राजीव गांधी के जमाने में इन्हें सरकार के काम का प्रचार प्रसार करने यूपी भेजा गया और तब से यहीं में हो कर रह गए.
राहुल के साथ थे मौजूद
बीते पच्चीस सालों से अमेठी रायबरेली में गांधी परिवार खास तौर पर सोनिया गांधी के नामांकन से लेकर प्रचार के कमान संभालते आए हैं. 2004 में जब राहुल गांधी ने पहली बार अमेठी से पर्चा भरा तब केएल वहां मौजूद थे और अब बीस साल बाद उसी अमेठी से राहुल की जगह चुनाव लड़ने जा रहे हैं.अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर पार्टी केएल शर्मा को टिकट देकर इस बार अपनी सीट बचाने में कामयाब हो पाती है या नहीं. केएल शर्मा का पूरा नाम किशोरी लाल शर्मा है और वह गांधी परिवार के बेहद खास हैं.