Lok Sabha Election 2024: इंदौर में भी सूरत सा 'सूरत-ए-हाल', कांग्रेस को बड़ा झटका, BJP में शामिल हुए अक्षय कांति 'बम'
Lok Sabha Election 2024: अक्षय कांति 'बम' को टिकट देने पर स्थानीय नेताओं ने विरोध किया था. ऐसे में गुजरात के सूरत के बाद अब इंदौर में भी कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ गई है.
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. इंदौर लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने सोमवार को नाम वापस ले लिया. इंदौर लोकसभा के तहत नाम वापस लेने की तारीख 29 अप्रैल थी. उन्होंने इंदौर चुनाव अधिकारी से मिलकर नाम वापस लिया. ऐसा बताया गया कि उन्हें टिकट देने पर लोकल नेताओं ने विरोध किया था.
अक्षय बम का एक फोटो मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के साथ लिखा, "इंदौर लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की लीडरशीप में बीजेपी में आपका स्वागत है.".
इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी, मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी व प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है। pic.twitter.com/1isbdLXphb
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) April 29, 2024
कुल संपत्ति
कांग्रेस कैंडिडेट अक्षय कांति बम ने 24 अप्रैल को नामांकन इंदौर लोकसभा से किया था. उन्होंने चुनावी हलफनामे में कुल संपत्ति 57 करोड़ होने की जानकारी दी थी. मौजूदा समय में उनके पास कोई कार नहीं है. हालांकि, वह 14 लाख रुपए की घड़ी पहनते हैं. उनकी अचल संपत्ति 46 से अधिक की है, जबकि चल संपत्ति आठ करोड़ 50 लाख रुपए है. वह पेशे से कारोबारी हैं.
इंदौर में वोटिंग कब?
इंदौर सीट पर आम चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई, 2024 को वोट डाले जाएंगे. वहां बीजेपी की ओर से शंकर लालवानी चुनावी मैदान में हैं.
सूरत लोकसभा सीट
इंदौर से पहले गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट मुकेश दलाल वोटिंग से पहले ही निर्विरोध रूप से चुनाव जीत चुके हैं. वहां से कांग्रेस उम्मीवार निलेश कुंभानी की उम्मीदवारी सूरत चुनाव अधिकारी ने निरस्त कर दी थी. प्रथम दृष्टया में चुनाव अधिकारी ने कुंभानी के प्रस्तावकों की ओर से साइन गलत पाए थे, जबकि अन्य आठ उम्मीदवारों ने भी नाम वापस ले लिया था.