Lok Sabha Election 2024: केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर मुश्किल में फंस सकते हैं. कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की है. इस शिकायत के आधार पर निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को केंद्रीय मंत्री एवं तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर द्वारा सौंपे गए हलफनामे के विवरण में किसी भी बेमेल जानकारी को सत्यापित करने का मंगलवार (9 अप्रैल 2024) को निर्देश दिया.
कांग्रेस ने चंद्रशेखर द्वारा दाखिल हलफनामे में उनकी वास्तविक और घोषित संपत्ति के बीच मेल नहीं होने का दावा करते हुए निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी. चंद्रशेखर संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजनयिक शशि थरूर के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं. सूत्रों ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार निर्वाचन आयोग ने सीबीडीटी को चंद्रशेखर द्वारा सौंपे गए हलफनामे के विवरण में किसी भी बेमेल विवरण को सत्यापित करने का निर्देश दिया है.
अगर आरोप सही तो क्या होगा?
हलफनामे में किसी भी तरह की बेमेल और गलत जानकारी देने के मामले में लोक प्रतिनिधित्व अधिनयम 1951 की धारा 125 ए के तहत निपटा जाता है. कानून के मुताबिक, नामांकन पत्र या हलफनामे में कोई भी जानकारी छुपाने पर छह महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. कांग्रेस के अनुसार राजीव चंद्रशेखर ने चुनावी हलफनामे में जान बूझकर गलत संपत्ति बताई है. अगर कांग्रेस के आरोपों में सच्चाई है तो राजीव चंद्रशेखर का नामांकन भी रद्द हो सकता है. इस स्थिति में उनका पहली बार चुनाव जीतने का सपना टूट सकता है और तिरुवनंतपुरम में शशि थरूर में आसान जीत मिल सकती है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दी गई अपनी याचिका में आरोप लगाए हैं कि राजीव चंद्रशेखर ने जानबूझकर अपनी संपत्ति गलत बताई है. कांग्रेस के आरोप के अनुसार राजीव चंद्रशेखर ने अपनी कुल संपत्ति 36 करोड़ रुपए बताई है, जबकि उनकी संपत्ति अरबों में है.
हलफनामें में क्या गड़बड़ी?
कांग्रेस पार्टी के अनुसार राजीव चंद्रशेखर ने अपने चुनावी हलफनामे में कई गलतियां की हैं. उन्होंने अपने बॉन्ड, शेयर और डिबेंचर को दायित्व (जिन्हें किसी और को देना पड़ता है) के रूप में दिखाया है. इसके जरिए उन्होंने आंकड़ों में हेरफेर किया है और अपनी संपत्ति 36 करोड़ दिखाई है. इसके अलावा उन्होंने 9 करोड़ और 13 करोड़ के आंकड़े दो जगह अलग-अलग लिखे हैं. कांग्रेस ने यह भी कहा है कि राजीव चंद्रशेखर ने अपने हलफनामे में दो संपत्तियों का जिक्र ही नहीं किया है. कोरमंगला ब्लॉक 3 के रिहायशी इलाके में उनकी इन संपत्तियों की कीमत सैकड़ों करोड़ में है. हालांकि, बेंगलुरू की इस संपत्ति को उन्होंने अपने पते के रूप में जरूर बताया है.
सबूत देने को तैयार
कांग्रेस ने यह भी कहा है कि अगर चुनाव आयोग को सबूत चाहिए तो वह देने के तैयार हैं. कांग्रेस ने 2017-18 की एक पर्ची शेयर कर कहा कि इससे साफ पता चलता है कि 49 हजार स्क्वॉयर फीट का बंगला उनकी कंपनी नहीं, उनके नाम पर है. कांग्रेस ने यह भी कहा कि राजीव चंद्रशेखर ने अपनी सभी कंपनी की कीमत 6.38 करोड़ रुपए बताई है, जबकि कंपनियों ने कॉर्पोरेट मंत्रालय को दिए गए आंकड़े में अपनी कीमत 1610 करोड़ बताई है. कांग्रेस ने कहा कि यह नियमों का बड़ा उल्लंघन है.
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PTI के इनपुट के साथ