Lok Sabha Election 2024: भारत में चुनाव के दौरान वोटरों को प्रभावित करने के लिए प्रलोभन एक बड़ी समस्या है. इसे रोकने के लिए चुनाव आयोग भी लगातार कार्रवाई कर रहा है. भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रलोभन की रिकॉर्ड जब्ती की जानकारी दी है.
चुनाव आयोग की मानें तो 1 मार्च 2024 से 13 अप्रैल 2024 के बीच भारत में नकदी, ड्रग्स, शराब, कीमती धातुओं और मुफ्त वस्तुओं के रूप में 4,650 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई है, जो 2019 के पूरे चुनाव अभियान के दौरान जब्त की गई सामग्री के ₹3,475 करोड़ मूल्य से लगभग 34% अधिक है.
कैश बरामदगी में 114% की बढ़ोतरी
2019 के लोकसभा चुनावों की इसी अवधि में की गई जब्ती की तुलना में वर्तमान जब्ती सभी कैटेगरी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्शाती है. इस बार कैश जब्ती में 114% की वृद्धि देखी गई, जबकि शराब और कीमती धातु की जब्ती में क्रमशः 61% और 43% की वृद्धि हुई है. वैल्यू के हिसाब से सबसे अधिक वृद्धि नशीली दवाओं की जब्ती में हुई, जो बढ़कर 62% तक पहुंच गई है.
ESMS को दिया इस सफलता का श्रेय
चुनाव आयोग ने सोमवार (15 अप्रैल 2024) को एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि प्रवर्तन एजेंसियों ने 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को पहले चरण का मतदान शुरू होने से पहले ही धनबल के खिलाफ अभियान चलाते हुए ₹4,650 करोड़ से अधिक की रिकॉर्ड जब्ती की है. चुनाव आयोग ने इस रिकवरी में वृद्धि का श्रेय इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ESMS) जैसी उन्नत टेक्नोलॉजी की तैनाती और केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर कई प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग को दिया.
123 संसदीय क्षेत्रों को किया था चिह्नित
जानकारी के मुताबिक, इस बार आयोग ने 123 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया और इन निर्वाचन क्षेत्रों की निगरानी के लिए 781 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया. यही नहीं, इसने 106 ऐसे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है, जो नियमों का उल्लंघन करने में कार्रवाई की जगह नेताओं की सहायता कर रहे थे.
सबसे अधिक जब्ती राजस्थान में
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक जब्ती राजस्थान में हुई है. राजस्थान में कुल ₹778 करोड़ रुपये के सामान जब्त हुए, गुजरात में ₹605 करोड़ और तमिलनाडु में ₹460 करोड़ रुपये के सामान जब्त हुए.
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