लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश राजस्थान, पश्चिम बंगाल हर राज्य में प्रत्याशी ऐसे कारनामे कर रहे हैं कि उन्हें देखकर जनता हैरान है. नेता जहां जाते हैं वहां वैसे ही बन जाते हैं. चुनाव के बिना जिस जमीन पर उतरने से पहले वो सौ बार सोचते हैं, वहीं चुनाव के दौरान वो उस जमीन पर लोटने लगते हैं.


सबसे पहले उत्तर प्रदेश की बात करते हैं. यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर को तो आप जानते ही होंगे. अपनी बयानबाजी, एक पार्टी से दूसरी पार्टी के साथ कलाबाजी के चलते चर्चित रहते हैं. दावा करते हैं कि राजभर वोट बैंक की भलाई के लिए राजनीति में हैं, लेकिन राजनीति के जानकार इन्हें विशुद्ध अवसरवादी कहते हैं. इतना ही नहीं परिवारवादी भी कहते हैं.अब इनका नया रुप देखिए. मऊ जिले में चुनाव प्रचार करने पहुंचे तो खेत में गेहूं काटने लगे. मऊ जिले की घोसी सीट से ओपी राजभर के बेटे अरविंद चुनाव लड़ रहे हैं तो बेटे के लिए वोट का जुगाड़ करने में जुटे राजभर को गेहूं भी काटना पड़ा. वैसे सामान्य दिनों में ये आपको कभी भी खेत में नहीं दिखेगें. इनका ज्यादातर वक्त एक पार्टी से दूसरी पार्टी के मुख्यालय जाने में बीत जाता है. 


टी-स्टॉल पर चाय बनाते दिखे रवि किशन
दूसरे चुनावी प्रदर्शन में एक अभिनेता हैं. वो फिल्म में स्क्रिप्ट के मुताबिक, किरदार निभाते हैं. रवि किशन गजब के अभिनेता हैं और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में उनका काफी नाम है. गोरखपुर की सदर सीट से बीजेपी के प्रत्याशी हैं. प्रचार में उतरे तो चाय वाले के करेक्टर में आ गए. प्रचार के दौरान रवि गोरखपुर के खिरवानिया गांव पहुंच गए. यहां उन्हें एक चाय की दुकान दिखी तो लोगों के लिए चाय बनाने लगे. खुद भी पी और लोगों को भी पिलाई.


हेमा मालिनी 70 MM के पर्दे की बड़ी अभिनेत्री हैं. बड़ी बड़ी फिल्में कर चुकी हैं. मथुरा से बीजेपी प्रत्याशी हेमा मालिनी यमुना की पूजा करती नजर आईं. यमुना में दूध चढ़ाया, आरती भी की. 5 साल तक आपने इन्हें यमुना की सफाई में काम करते शायद ही देखा हो. राजस्थान की जयपुर लोकसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी मंजू शर्मा से मिलिए. मंजू हवा महल सीट से 6 बार विधायक और तीन बार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे भंवरलाल शर्मा की बेटी हैं. मंजू शर्मा चुनाव प्रचार से समय निकालकर घर की जिम्मेदारी निभाते हुए. रोटियां बनाती नजर आईं, लेकिन क्या आम दिनों में भी मंजू ऐसा करती हैं ? या फिर महिला वोटर को साधने के लिए ये महज एक चुनावी एक्सरसाइज है?


एकता का संदेश देने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ लंच करती दिखीं दिया कुमारी
राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी लोकसभा चुनाव तो नहीं लड़ रही हैं, लेकिन पार्टी के पक्ष में हवा बनाने का काम जोरों-शोरों से कर रही हैं. उदयपुर में दिया कुमारी पार्टी कार्यकर्ताओं में एकता का संदेश देती नजर आईं और इस एकता संदेश की बड़ी बात ये थी कि सभी कार्यकर्ता अपने-अपने घर से टिफिन लाए थे. सभी ने साथ बैठकर खाना खाया और चुनावी चर्चा की. कार्यकर्ता अपनी इच्छा से ही टिफिन लाए होंगे तो क्या ऐसी टिफिन पार्टी चुनाव के बाद भी देखने को मिलेगी ?


मध्य प्रदेश के गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में पूरा सिंधिया परिवार वोटर को साधने में जुटा है. हर हथकंडा अपनाया जा रहा ह. अब चाहे समोसे तलना हो या साड़ी खरीदना या फिर भजन कीर्तन करना. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे आर्यमन एक दुकान पर समोसे तलते नजर आए. आर्यमन ने अपनी मां के लिए एक दुकान से साड़ी भी खरीदी. ये सब करने से चुनाव में कितना फायदा होगा. 


मध्य प्रदेश के कैबिनेट मिनिस्टर कैलाश विजयवर्गीय को ही देख लीजिए. कैलाश विजयवर्गिय बीजेपी प्रत्याशी भारती पारधी का चुनाव प्रचार करने बालाघाट पहुंचे थे. कैलाश विजयवर्गीय वोट मांगने गए और बालाघाट के फेमस चुलबुल चायवाले के स्टॉल पर खुद ही चाय बनाने लगे. बड़ा सवाल है कि क्या चुनाव बाद भी विजयवर्गीय जनता को ऐसे ही चाय बनाकर पिलाएंगे? 


मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी मालवा में चुनाव प्रचार कर रहे थे. इस दौरान वो एक गोल गप्पे वाले के यहां रुके और समर्थकों के साथ गोलगप्पे खाने लगे. आस-पास के लोग भी इस दौरान जीतू पटवारी को निहारते नजर आ  क्योंकि चुनाव ही ऐसा समय होता है जब जनता नेता को नजदीक से देख पाती है. 


चटपटी चाऊमीन बनाते नजर आए प्रताप रूडी
बिहार के सारण से राजीव प्रताप रूडी बीजेपी के उम्मीदवार  हैं. जनसंपर्क के दौरान वह ठेले पर चाऊमीन बनाते नजर आए. रूडी ने चटपटी चाऊमीन बनाकर लोगों को भी खिलाई और खुद भी इसका स्वाद चखा, लेकिन चुनाव बाद चाऊमीन स्वादिस्ट रहेगी या नहीं, ये तो वक्त ही जानता है


राजनीति जो करा दे सो कम है. चाय नेताओं को वोटर से जोड़ रही है तो सियासत पत्नी-पत्नी को जुदा भी कर रही है. एमपी के बालाघाट का मामला भी दिलचस्प है. यहां बसपा के टिकट पर कंकर मुंजारे लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. मुंजारे की पत्नी अनुभा कांग्रेस से विधायक हैं. दोनों के बीच में दल आया तो दिल अलग हो गए. कांग्रेस विधायक पत्नी ने पति का चुनाव प्रचार करने से मना कर दिया इसलिए बेचारे कंकर मुंजारे घर छोड़कर खेत में बनी झोपड़ी में रहने लगे हैं.


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