Lok Sabha Elections: केंद्र में मोदी सरकार का विजय रथ रोकने के लिए विपक्षियों ने 26 दलों का महागठबंधन 'इंडिया' (INDIA) बनाया है. वहीं, नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने भी अपने कुनबे को बड़ा करते हुए 39 दलों को शामिल कर लिया है. इसके बावजूद अगले साल 2024 में होने वाले चुनावी महासमर के लिए कई राजनीतिक दल अभी तक किसी पाले में नहीं गए हैं.


इन दलों में बिहार में अच्छा वोटबैंक रखने वाली जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक (JAPL) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) शामिल हैं. जेएपीएल का नेतृत्व राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव करते हैं, जबकि वीआईपी के नेता मुकेश सहनी है. इन दोनों ही नेताओं ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.


बिहार के इन इलाकों में है इनकी पकड़


अगर ये दोनों दल इंडिया अलायंस या एनडीए का हिस्सा नहीं बने तो इनकी भूमिका महज वोटकटवा बनकर रह जाएगी. मुकेश सहनी मूलतः मल्लाह जाति से आते हैं. वह आर्थिक बैकवर्ड क्लास (ईबीसी) का भी नेतृत्व करते हैं. राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों का मानना है कि वह मिथिला में दरभंगा, मधुबनी के अलावा सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में प्रभाव रखते हैं. वहीं, पप्पू यादव का सीमांचल और कोसी क्षेत्र में प्रभाव माना जाता है. वह अररिया, कटियार, पूर्णिया, सुपौल, सहरसा और मधेपुरा में असर डाल सकते हैं.


सहनी की संकल्प यात्रा


मुकेश सहनी और पप्पू यादव फिलहाल अपने क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार करने में लगे हैं. ये दोनों नेता अपने वोटरों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि कोई भी उनके सहयोग के बगैर सरकार नहीं बना पाएगा. मुकेश सहनी ने तो यहां तक दावा किया है कि वह बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में करीब 80 लोकसभा सीटों को प्रभावित कर सकते हैं. इसीलिए उन्होंने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से संकल्प यात्रा निकालने की तैयारी की है. ये दोनों ही नेता और उनकी पार्टियां लोकसभा चुनाव में 2-3 परसेंट वोट का फायदा या नुकसान करा सकती हैं.


तेजस्वी यादव हैं पप्पू के खिलाफ


हाल में ऐसी खबरें आई थीं कि पप्पू यादव राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से मिले थे. लालू चाहते हैं कि पप्पू यादव बिहार में सत्तासीन गठबंधन में भी शामिल हो जाएं. वहीं, पप्पू यादव कांग्रेस के जरिये गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं. उनकी पत्नी रंजीत रंजन पार्टी से राज्य सभा गईं हैं. माना जाता है कि पप्पू यादव के बिहार महागठबंधन में शामिल होने के लिए सबसे बड़ा रोड़ा हैं लालू के बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तेजस्वी नहीं चाहते हैं कि उनके रहते गठबंधन में और कोई मजबूत यादव नेता रहे.        


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