Lok Sabha Election 2024: हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र की बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता सोमवार को चुनाव के दौरान कई मुस्लिम महिला मतदाता का बुर्का हटाकर उनकी आईडी चेक कर रही थीं, जिसके बाद इस पर काफी हंगामा हुआ और मलकपेट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. माधवी लता के खिलाफ चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने और सरकारी अधिकारी को ड्यूटी पर डिस्टर्ब करने का आरोप लगाते हुए 405(1), 171सी, 186 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.


आरोप है कि उन्होंने मुस्लिम महिला को चेहरे से बुर्का उठाने के लिए बाध्य किया. उनके इस कदम पर काफी हंगामा हुआ था. हैदराबाद के जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट अनुदीप दुरीशेट्टी ने बताया इसकी पुष्टि की है. ऐसे में ये जानना जरुरी हो जाता है कि पोलिंग बूथ पर किसे इस तरह से चेकिंग का अधिकार होता है. 


चुनाव आयोग का नियम
माधवी लता का तर्क ये था कि बतौर उम्मीदवार वो पोलिंग बूथ पर आकर फर्जी वोटिंग के शक में चेकिंग कर सकती हैं. हालांकि ऐसा नहीं है, नियम के मुताबिक पोलिंग बूथ के अंदर सिर्फ चुनाव अधिकारी या फिर पोलिंग एजेंट ही ऐसा कर सकते हैं. अगर किसी उम्मीदवार को कोई शक है तो वो इसकी शिकायत चुनाव अधिकारियों को कर सकता है.


चेक करने की जिम्मेदारी किसकी


हर पोलिंग बूथ पर चुनाव आयोग की तरफ से अलग-अलग अधिकारियों की तैनाती की जाती है. इनमें से एक फर्स्ट ऑफिसर भी होता है, जिसका काम ऐसे वोटर्स की पहचान करना है जिन पर किसी भी तरह का संदेह हो. ये चुनाव अधिकारी किसी को भी आईडी दिखाने के लिए बोल सकते हैं और उसे पहचान सत्यापित करने के लिए कहा जा सकता है. हालांकि किसी उम्मीदवार को ऐसी करने का अधिकार नहीं है.


औवेसी की पार्टी ने क्या कहा?



मामले को लेकर असद्दुीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सोशल मीडिया पर लिखा, ''ये चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. हैदराबाद से बीजेपी उम्मीदवार मतदान केंद्र में मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित कर रही हैं और उनकी बॉडी शेमिंग कर रही हैं. महिला आयोग को एक्शन लेना चाहिए.''


हैदराबाद सीट पर माधवी लता के सामने ओवैसी हैं. ओवैसी 2004 से हैदराबाद सीट से एआईएमआईएम सांसद हैं.अभी माधवी लता भले ही मुस्लिम महिलाओं के नकाब हटवाने के मुद्दे पर घिरी हों. मगर वो मुस्लिम महिलाओं के बीच अपनी अच्छी पहुंच होने का दावा करती रही हैं.