पश्चिमी यूपी में 18% जाट आबादी को साधना चाहता है NDA, RLD को मिल सकती हैं 4 सीटें, समझें पूरा गणित
जयंत चौधरी की पार्टी लंबे समय से लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है. इसी वजह से वह एनडीए का साथ चाह रहे हैं.
Lok Sabha Election 2023: भारतीय जनता पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन का विस्तार करने में जुटी हुई है. बिहार में JDU की एनडीए में वापसी हो चुकी है. वहीं, आंध्र प्रदेश में तेलगू देसम पार्टी और पंजाब में अकाली दल के साथ भाजपा का गठबंधन हो सकता है. यूपी में RLD का एनडीए में आना लगभग तय हो चुका है. हालांकि, इसका आधिकारिक एलान बाकी है. RLD को अपने साथ जोड़कर बीजेपी पश्चिमी यूपी के 18 फीसदी जाट वोटों को साधने की कोशिश कर रही है.
पश्चिमी यूपी में जाट समुदाय के बीच जयंत चौधरी की पकड़ अच्छी है. यहां लोकसभा की 27 सीटों में से 2019 में बीजेपी ने 19 सीटें जीती थीं. वहीं, सपा को चार और बसपा को चार सीटें मिली थीं. आरएलडी कोई सीट नहीं जीत पाई थी.
इससे पहले 2014 में भी आठ सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद जयंत का पार्टी का खाता नहीं खुला था. वह कांग्रेस, बसपा और सपा के साथ गठबंधन कर चुके हैं, लेकिन कोई सीट नहीं जीत पाए. इसी वजह से उन्हें इस बार भाजपा का दामन थामने के बारे में सोचना पड़ रहा है. इसके अलावा अखिलेश के साथ सीट शेयरिंग को लेकर हुए विवाद ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है.
2019 में एनडीए ने यूपी की 80 में से 64 सीटें अपने नाम की थीं. इनमें से 62 बीजेपी और 2 अपना दल के खाते में गई थीं. वहीं, 2014 में एनडीए को 73 सीटें मिली थीं. इनमें से बीजेपी की 71 सीटें थीं. अब भाजपा की कोशिश एनडीए की सीटें बढ़ाने की है. इसी वजह से पार्टी रालोद को अपने साथ ला रही है.
2019 में 7 सीटें हारने वाली भाजपा को मुजफ्फरनगर, मेरठ जैसी सीटों में करीबी जीत मिली थी. रालोद को साथ लाने से भाजपा की राह आसान होगी. जानकारों की मानें तो एनडीए गठबंधन में राRLD को चार सीटें मिल सकती हैं. इसमें कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा की सीट शामिल है.