BJP-MNS Alliance: चुनाव से पहले बीजेपी की बढ़ी टेंशन! MNS से गठबंधन पड़ेगा भारी, उत्तर भारतीय नाराज
Lok Sabha Election: मुंबई महानगर क्षेत्र में 60 लाख उत्तर भारतीय हैं रहते हैं. इनमें क्षत्रिय, यादव, मौर्य, पाल और ब्राह्मण समेत अन्य समुदाय के लोग शामिल हैं.
Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच संभावित गठबंधन की अटकलें लगाई जारी हैं. इस बीच उत्तर भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ प्रमुख संगठनों ने बीजेपी के खिलाफ वोटिंग करने की धमकी दी है. यादव संघ मुंबई, पाल सेवा संघ और अखंड राजपूताना संघ जैसे संगठनों ने कहा है कि वे अपने समुदाय के सदस्यों से अपील करेंगे कि अगर बीजेपी, एमएनएस के साथ गठबंधन की घोषणा करती है तो वे उसे वोट न दें.
मुंबई महानगर क्षेत्र में 60 लाख उत्तर भारतीय हैं. इनमें क्षत्रिय, यादव, मौर्य, पाल और ब्राह्मण समेत अन्य जातियां शामिल हैं. 2008 में एमएनएस ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ अभियान शुरू किया था. उस समय एमएनएस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि उत्तर भारतीय रेलवे में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों मराठी लोगों की नौकरियां छीन रहे हैं.
उत्तर भारतीय समुदाय की गठबंधन पर नजर
एमएनएस-बीजेपी के संभावित गठबंधन की खबरों पर उत्तर भारतीय समुदाय पैनी नजर रखे हुए है. इस बीच एमएनएस प्रमुख ने मुंबई के एक पांच सितारा होटल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के साथ बैठक की. यादव संघ मुंबई के अजय यादव ने कहा, " मैं गरीब उत्तर भारतीयों पर हुए हमलों को नहीं भूला हूं. अगर एमएनएस और बीजेपी के बीच गठबंधन होता है, तो उत्तर भारतीयों को निराशा होगी. वे राजनीतिक रूप से मजबूत हैं और 2008 में क्या हुआ था, इसके बारे में जानते हैं."
उन्होंने कहा कि हमारा संगठन बस सभी को याद दिलाएगा और लोग खुद फैसला करेंगे. अगर गठबंधन होता है, तो इसका प्रभाव मतदान पर भी पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र में यादव समुदाय के लगभग 1 लाख 30 हजार लोग रहते हैं. उनमें से अधिकांश ऑटो-रिक्शा चालक, दूधवाले, सब्जी विक्रेता और छोटी दुकान के मालिक के रूप में काम करते हैं.
गठबंधन को स्वीकार नहीं करेंगे उत्तर भारतीय
डेक्कन क्रोनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक अखंड राजपूताना संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा कि गठबंधन को मुंबई के साथ-साथ देश के बाकी हिस्सों में भी उत्तर भारतीय स्वीकार नहीं करेंगे. इसका असर बिहार और यूपी में भी पड़ेगा. आरपी सिंह ने कहा, "हम 30 मार्च को एक कार्यकारी बैठक आयोजित करने जा रहे हैं. इस बैठक में, हम वर्तमान राजनीतिक स्थिति और एमएनएस-बीजेपी के गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा करेंगे."
'बीजेपी का नहीं करेंगे समर्थन'
वहीं, सेवा संघ के ट्रस्टी राम लखन पाल ने भी कहा कि अगर बीजेपी, एमएनएस के साथ गठबंधन करती है तो उनका संगठन बीजेपी का समर्थन नहीं करेगा. उन्होंने कहा, "हम किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करेंगे, चाहे वह बीजेपी हो या कांग्रेस. हम सोशल मीडिया पर पाल समुदाय से बीजेपी को वोट न करने की अपील करेंगे."
यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की तीसरी लिस्ट ने चौंकाया, 17 में से 11 कर्नाटक के मंत्रियों के रिश्तेदार