Lok Sabha Election 2024: वायनाड क्यों है राहुल गांधी के लिए सेफ सीट! जानें इस सीट का इतिहास और राजनीतिक समीकरण?
Lok Sabha Election 2024 Phase 2: राहुल गांधी के सामने बीजेपी से के. सुरेंद्रन और सीपीआई की एनी राजा हैं. 2019 में राहुल पहली बार इस सीट से जीते थे. उस चुनाव में उन्होंने 4 लाख वोटों से चुनाव जीता था.
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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग चल रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव मैदान पर है. जहां पर राहुल गांधी का मुकाबला इस बार बीजेपी से के. सुरेंद्रन और सीपीआई की एनी राजा के साथ है. साल 2019 में राहुल गांधी पहली बार इस सीट से जीते थे. उस चुनाव में उन्हें 7,06,367 वोट मिले थे. जबकि, राहुल गांधी ने 4 लाख वोटों से ज्यादा के अंतर से चुनाव जीता था.
दरअसल, इस बार वायनाड में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. जहां 2019 में राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा में आने वाली सभी सातों विधानसभा सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर सीपीआई नेता पीपी सुनीर रहे थे.
दक्षिण में मजबूत है कांग्रेस
वायनाड लोकसभा में 7 विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें कालपेट्टा, मनंतवडी, सुल्तानबथेरी, थिरुवमबडी, एरनाड, नीलांबुर और वंदूर हैं. कालपेट्टा और मनंतवडी अनुसूचित जनजाति (एसटी) तो वंदूर अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. वहीं, 2011 की वायनाड जिले की जनगणना के अनुसार, 8,17,420 की आबादी में से, वायनाड जिले में 49.48 प्रतिशत हिंदू, 28.65 प्रतिशत मुस्लिम और 21.34 ईसाई हैं.
वायनाड के बारे में जानें सब कुछ?
वायनाड वायल और नाडु शब्दों से मिलकर बना है. इसका अर्थ होता है धान के खेत की भूमि. कभी धान के लिए प्रसिद्ध वायनाड की दो प्रजातियों को जीआई टैग मिला है, लेकिन धीरे-धीरे किसान इसे छोड़ कर मुनाफे की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. वायनाड शहर दक्षिण की काशी के नाम से मशहूर है. 1980 में यह केरल का 12वां जिला बना था. फिर परिसीमन के चलते 2009 में संसदीय लोकसभा सीट.
इसके तहत सात विधानसभा सीटें आती हैं. जोकि, तमिलनाडु और कर्नाटक के बॉर्डर पर स्थित है. कहा जाता है कि वायनाड में देश का इकलौता लव-कुश मंदिर है. जबकि, संपन्न वायनाड प्राकृतिक मसालों व औषधीय पैदावार, रबर, केला, चाय-कॉफी, बांस प्लांटेशन, काली मिर्च और इलायची के लिए मशहूर है.
अमेठी से 2019 में किया था हार का सामना
राहुल गांधी ने पहली बार साल 2004 में लोकसभा का चुनाव अपने पिता राजीव गांधी की पारंपरिक सीट अमेठी से लड़ा था. यहां इस चुनाव में राहुल गांधी ने एक लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. जबकि, साल 2009 के आम चुनाव में राहुल गांधी अमेठी से ही दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़े. इस चुनाव में वह भारी अंतर से जीतकर संसद पहुंचे. सबसे बड़ी बात यह है कि साल 2009 के आम चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 21 लोकसभा सीटें जीती थीं. पार्टी ने इसका श्रेय राहुल गांधी को दिया.
वहीं, साल 2014 में लोकसभा चुनाव हुए तो इस बार राहुल गांधी को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा. वहीं उस समय नई-नई पार्टी आम आदमी पार्टी ने कुमार विश्वास को चुनाव लड़ने भेजा. हालांकि राहुल गांधी चुनाव जीतने में सफल रहे और लगातार तीसरी बार अमेठी से सांसद बने.
जबकि, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में एक बार फिर राहुल गांधी के सामने बीजेपी ने स्मृति ईरानी को उम्मीदवार बनाया लेकिन इस बार राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ा था. यहां से वह जीतने में सफल रहे.
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