Lok Sabha Election 2024 First Candidate Name: अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अभी 7 महीने से ज्यादा का समय बचा है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ 24 विपक्षी दल आगामी आम चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को हराने की तैयारी कर रहे हैं. इस बीच लोकसभा चुनाव की तारीख के ऐलान से काफी पहले ही समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने पहला उम्मीदवार लगभग तय कर लिया है.
शिवपाल सिंह यादव रविवार (20 अगस्त) को आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर कार्यकर्ताओं से मिलने मैनपुरी पहुंचे. जहां उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार का नाम भी साफ कर दिया. हालांकि, इसके साथ सपा नेता ने कहा कि पार्टी जो आदेश देगी उस पर हम चुनाव लड़ेंगे और पार्टी के आदेश को स्वीकार करेंगे.
अक्षय यादव के नाम का ऐलान!
सपा नेता ने फिरोजाबाद लोकसभा सीट से पूर्व सांसद अक्षय यादव के नाम का लगभग ऐलान कर दिया है. इतना ही नहीं पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल ने ट्वीट कर लिखा, 'इस बार ये चाचा फिरोजाबाद संसदीय चुनाव में अक्षय की विजय का निमित्त बनेंगे'. सपा राष्ट्रीय महासचिव ने लोकसभा चुनाव 2023 में फिरोजाबाद सीट से अक्षय यादव के चुनाव लड़ने का इशारा कर दिया है.
सपा नेता अक्षय यादव साल 2014 के लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को हराकर संसद में पहुंचे थे. युवा नेता के तौर पर अक्षय यादव ने 2014 में 1,15,000 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. हालांकि, 2019 आम चुनाव में सपा नेता को बीजेपी प्रत्याशी डॉ चन्द्र सेन जादौन से लगभग तीस हजार वोटों के अंतर से हराकर दूसरे नंबर पर थे. जबकि तीसरे नंबर पर खुद शिवपाल सिंह भी थे.
2019 में शिवपाल और अक्षय थे आमने-सामने
बता दें कि पिछली बार 2019 लोकसभा चुनाव में शिवपाल यादव सपा से इतर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) से फिरोजाबाद सीट से चुनावी मैदान में थे. उस समय इस सीट पर उन्हें कुल 91651 वोट मिले थे और कहा जाता है कि सपा नेता अक्षय यादव की हार की वजह और कोई नहीं खुद चाचा शिवपाल थे. माना जाता है कि इन दोनों के बीच वोट बंटने के कारण ही यहां से बीजेपी को जीत मिली थी.
अखिलेश यादव और डिंपल यादव भी लड़ चुके हैं चुनाव
उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद लोकसभा सीट काफी चर्चित रहा है. देश की आजादी के बाद प्रथम आम चुनाव 1957 में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार रहे दिवंगत बृजराज सिंह ने उस समय कांग्रेस को हराया था. सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी रघुबीर सिंह को करीब 20 हजार वोटों से मात दी थी. खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव 2009 में यहां से जीत चुके हैं. हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद उपचुनाव में कांग्रेस नेता राज बब्बर ने इस सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था.
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