ABP cvoter Survey: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिशन 400 पार पर काम कर रहे हैं. यह टारगेट बड़ा है, इसलिए चुनौतियां भी बड़ी हैं. ऐसे में पीएम मोदी दक्षिण राज्यों पर ज्यादा फोकस कर रहें हैं. हालांकि, उनकी नजर 48 सीट वाले महाराष्ट्र पर भी बनी हुई है. यही वजह है कि वह सूबे में 10 अप्रैल को रैली का चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे.


पीएम मोदी महाराष्ट्र में एक के बाद एक 18 रैलियां करेंगे. पीएम मोदी की महाराष्ट्र में होने वाली रैलियों से पहले abp न्यूज और सी-वोटर ने एक सर्वे किया है. ये सर्वे ऐसे समय में किया गया है, जब पीएम मोदी बिहार और बंगाल में चुनाव प्रचार कर रहे थे और तीसरी बार सत्ता में वापसी का दावा कर रहे थे.


महाराष्ट्र में कांटे टक्कर
सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में इंडिया अलायंस और एनडीए के बीच कांटे टक्कर देखने को मिल सकती है. यहां दोनों अलायंस में से कोई भी आगे निकल सकता है. सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में एनडीए और इंडिया अलायंस दोनों को 41-41 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. वहीं, अन्य के खाते में 18 फीसदी वोट जा सकते हैं.


पिछले सर्वे में एनडीए को थी बढ़त
पिछले महीने हुए सर्वे में एनडीए को 43 और इंडिया अलायंस को 42 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई थी, जबकि अन्य के खाते में 15 प्रतिशत वोट जाता दिखाई दे रहा था. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर एक महीने में ऐसा किया हुआ कि दोनों गठबंधन का वोट शेयर कम हो गया.


महाराष्ट्र में इस बार बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. वहीं, इंडिया अलायंस में शामिल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) एक साथ चुनाव लड़ रही हैं. इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM, वीबीए, केएसपी जैसे दल भी ताल ठोक रहे हैं.


क्यों घटा वोट शेयर?
इसकी सबसे बड़ी वजह सीट शेयरिंग को लेकर फंसा पेच बताई जा रही है. इंडिया अलायंस को लेकर सांगली भिवंडी और दक्षिण मुंबई को लेकर तनातनी जारी है. इन तीनों सीट पर एमवीए के बीच सहमति नहीं बन सकी है. उधर, एनडीए में 6 सीट को लेकर पेच फंसा है. इनमें ठाणे, पालघर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, नासिक, संभाजीनगर और धाराशिव शामिल हैं.



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