लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं. उम्मीदवारों की लिस्ट भी आनी शुरू हो गई हैं. इस बीच सबकी नजरें भारतीय जनता पार्टी पर टिकी हैं. सबको इंतजार है कि पार्टी कहां से किस उम्मीदवार को उतारने की तैयारी कर रही है. जिस तरह हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने प्रयोग किए थे, क्या वैसा ही प्रयोग बीजेपी लोकसभा चुनाव में भी करेगी.
बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन केंद्र में है तो पार्टी ने तीसरी बार सत्ता में काबिज होने के लिए क्या रणनीति बनाई है इसलिए भी बीजेपी की कैंडिडेट लिस्ट पर सबकी नजरें टिकी हैं. ऐसे में सबके मन में सवाल है कि बीजेपी अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कब जारी करेगी. इस पर पार्टी के एक नेता ने बताया है कि फरवरी के अंतिम हफ्ते में कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी कर दी जाएगी.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के टॉप सूत्रों ने बताया कि 2021-22 में ही पार्टी ने ऐसी लोकसभा सीटों की लिस्ट तैयार कर ली थी, जहां पार्टी की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं है. इस लिस्ट में ऐसी 160 सीटें शामिल हैं, जहां पर पार्टी कभी नहीं जीती है. साथ ही जहां पर पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था या वह नंबर दो पॉजीशन पर थी, उन सीटों को भी लिस्ट में शामिल किया गया है.
बीजेपी की पहली लिस्ट जारी होने में क्यों हो रही देरी
सूत्र ने बताया कि पार्टी जनवरी महीने के आखिर में ही 62 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने वाली थी, लेकिन जनता दल (यूनाइटेड), अकाली दल और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की एनडीए में वापसी की संभावना के चलते उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया गया. बिहार में नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ वापसी कर ली और 28 जनवरी को फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने भी सोमवार को एनडीए में शामिल होने का ऐलान कर दिया है. उधर, अकाली दल की भी एनडीए में शामिल होने की चर्चा है.
विधानसभा में हारे सांसदों को फिर से टिकट देगी बीजेपी?
मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव में पार्टी ने नया प्रयोग करते हुए लोकसभा सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारा था. इन चुनावों में 21 सांसद मैदान में थे, जिनमें से 12 को ही जीत मिली. क्या विधायिकी का चुनाव हारे हुए सांसदों को पार्टी फिर से मौका देगी? इस पर पार्टी सूत्रों ने बताया कि बीजेपी इन सांसदों को इनके लोकसभा क्षेत्र पर फिर से चुनाव नहीं लड़वाएगी. हालांकि, तेलंगाना विधानसभा चुनाव हारने वाले करीमपुर सांसद बंदी संजय को पार्टी फिर से इस सीट पर चुनाव लड़वाएगी. इसके अलावा, उन राज्यसभा सांसदों को भी 2024 के मैदान में उतारा जा सकता है, जो केंद्रीय मंत्री हैं.
पहली लिस्ट जल्दी जारी करने का बीजेपी को एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिला फायदा?
पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि एसेंबली इलेक्शन में चुनावी राज्यों में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जल्दी जारी करने का बीजेपी को फायदा मिला था. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी ने लिस्ट जल्दी जारी कर दी थी. एमपी में 34 उन सीटों की लिस्ट जारी की गई थी, जहां पार्टी की स्थिति मजबूत नहीं थी, जिसका उसे लाभ हुआ और 34 में से 24 पर पार्टी को जीत मिली. हालांकि, मिजोरम और तेलंगाना में देर से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया था.
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