नई दिल्ली: महाराजा परिवार के कैप्टन अमरिंदर सिंह को राजनीति का कद्दावर नेता माना जाता है. पंजाब में कांग्रेस की नईया को पार लगाने की जिम्मेदारी पटियाला घराने के अमरिंदर सिंह पर ही है. वह वर्तमान में पंजाब के मुख्यमंत्री है. पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर सातवें और आखिरी चरण में वोटिंग है. पिछली बार कांग्रेस लोकसभा चुनाव में केवल 3 सीटें ही जीत पाई थी. पिछली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पंजाब में 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी. विधानसभा के नतीजों के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को अमरिंदर सिंह से काफी उम्मीदें हैं.
कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब विधानसभा के सदस्य हैं और पंजाब के मुख्यमंत्री हैं. उनका जन्म 11 मार्च 1942 को पटियाला में हुआ था. 26 फरवरी 2002 से 1 मार्च 2007 तक वे पंजाब के मुख्यमंत्री रहे. कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं.अमरिंदर सिंह पटियाला के महाराज यादविंदर सिंह के पुत्र हैं, उनकी माता का नाम मोहिंदर कौर था.
सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी प्रणीत कौर भी एक राजनीतिज्ञ हैं और वह विदेशी राज्यमंत्री रह चुकी हैं. राजनीति में आने से पहले कैप्टन सिंह भारतीय सेना में थे. वे 1963 में भारतीय सेना में सम्मिलित हुए और 1965 की शुरुआत में उन्होंने सेना से इस्तीफ़ा दे दिया इसके बाद पाकिस्तान से युद्ध छिड़ जाने की संभावनाओं के चलते वे 1966 की शुरुआत में दोबारा सेना में शामिल हो गए और युद्ध समाप्ति के बाद दोबारा इस्तीफ़ा दे दिया. 1980 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.
1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में उन्होंने लोकसभा और कांग्रेस दोनों की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने शिरोमणी अकाली दल की सदस्यता ले ली. उन्होंने राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ा और राज्य सरकार में मंत्री बन गए. 1992 में उनका अकाली दल से मोहभंग हुआ और उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (पी) के नाम से नई पार्टी बना ली. बाद में इस पार्टी का साल 1998 में कांग्रेस में विलय हो गया. यह विलय विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद हुआ. कांग्रेस में शामिल होने के बाद अमरिंदर सिंह 1999 से 2002 और 2010 से 2013 तक पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे और इस बीच 2002 से 2007 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे. इसके बाद साल 2017 में विधानसभा चुनाव जीतकर एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने.
प्रिनीत कौर
अमरिंदर सिंह की पत्नी प्रिनीत कौर भी राजनीति से जुड़ी हैं. उन्हें पंद्रहवीं लोकसभा चुनाव के बाद गठित मंत्रीमंडल में विदेश राज्यमंत्री बनाया गया था.
पिता और मां भी रहे कांग्रेस पार्टी में
अमरिंदर की मां मोहिंदर कौर एक सक्रिय राजनेता थीं. वे पटियाला से कांग्रेस (ओ) के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीती थीं, लेकिन आपातकाल के बाद वे पाला बदल कर 1977 में जनता पार्टी की सरकार में शामिल हो गई थीं. वहीं उनके पिता यादविंदर सिंह पहली बार कांग्रेस के साथ उस वक्त जुड़े थे, जब 1948 में पटियाला का भारत में विलय हुआ था.
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