गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर की दो लोकसभा सीटों पर 34.6 लाख मतदाता देश के भविष्य चुनेंगे. 19 मई को यहां पर दो लोकसभा क्षेत्र गोरखपुर सदर और बांसगांव में सातवें चरण में वोटिंग होगी. चुनाव को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन ने भी कमर कस ली है. गोरखपुर लोकसभा में 19,54,081 और बांसगांव में 15,06,197 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. यानी दोनों लोकसभा में 34,60,278 मतदाता वोट डालेंगे. इनमें 19,05,208 पुरुष और 15,54,806 महिला मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगी.
गोरखपुर सदर और बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में सातवें चरण में चुनाव के लिए 22 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी. 29 अप्रैल को नामांकन की अंतिम तारीख है. 30 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी. दो मई को नाम वापसी की अंतिम तिथि होगी. 19 मई को मतदान होगा. 23 मई को मतगणना होगी. गोरखपुर सदर और बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में कुल नौ विधानसभा है. जिसमें पांच गोरखपुर सदर लोकसभा में आती हैं. इनमें शहर विधानसभा क्षेत्र, गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र, सहजनवां विधानसभा क्षेत्र, पिपराइच विधानसभा क्षेत्र, कैम्पियरगंज विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. वहीं बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में कुल चार विधानसभा क्षेत्र बांसगांव, चिल्लूपार, चौरीचौरा और खजनी आते हैं.
गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली पांच विधानसभाओं में वोटरों का आंकड़ा
गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली पांच विधानसभाओं में वोटरों का आंकड़ा लगभग 19,54,081 है. इसमें गोरखपुर शहर विधानसभा में कुल वोटर 4,34,443 है. इसमें पुरुष वोटर 2,36,460 वहीं महिला वोटर 1,97,909 की संख्या हैं. अन्य वोटर 74 हैं. गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा में कुल वोटर 3,99,945 हैं. इनमें पुरुष वोटर 2,19,033 और 180889 महिला वोटर हैं. अन्य वोटर 23 हैं. सहजनवां विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,60,036 वोटर हैं. इनमें 1,98,378 पुरुष और 1,61,640 महिला वोटर हैं. अन्य वोटर 18 हैं. पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में 3,92,033 है. इनमें 2,15,816 पुरुष और 1,76,183 महिला वोटर हैं. अन्य वोटरों की संख्या 34 है. कैम्पियरगंज विधानसभा क्षेत्र में 3,67,624 वोटर हैं. इनमें 2,01,180 पुरुष और 1,66,423 महिला वोटर हैं. अन्य वोटरों की संख्या 21 है.
बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में आने वाली चार विधानसभाओं में वोटरों का आंकड़ा
बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में आने वाली चार विधानसभा में भी 15,06,197 वोटर हैं. इनमें बांसगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,72,429 वोटर हैं. इनमें 2,07,020 पुरुष और 1,65,390 महिला वोटर हैं. अन्य वोटरों की संख्या 19 है. चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र में कुल 4,21,320 वोटर हैं. इनमें 2,34,290 पुरुष और 1,87,026 महिला वोटर हैं. अन्य वोटरों की संख्या चार है. चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,45,607 वोटर हैं. इनमें 1,88,824 पुरुष और 1,56,740 महिला वोटर हैं. अन्य वोटरों की संख्या 43 है. खजनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,66,841 वोटर हैं. इनमें पुरुष वोटरों की संख्या 2,04,207 और 1,62,606 महिला वोटर हैं. अन्य वोटरों की संख्या 28 है.
सपा के रामभुआल निषाद से होगा बीजेपी के रविकिशन का मुकाबला
गोरखपुर लोकसभा सीट पर गठबंधन ने सपा से इस बार बसपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे रामभुआल निषाद को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने फिल्म अभिनेता पं. रविकिशन शुक्ल् पर दांव लगाया है. कांग्रेस ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं. प्रवीण तोगडि़या की पार्टी हिन्दुस्थान निर्माण दल ने योगी की हियुवा के बागी और हियुवा भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह को गोरखपुर से टिकट दिया है. बांसगांव (सुरक्षित) लोकसभा सीट पर बीजेपी ने दो बार से सांसद रहे कमलेश पासवान को मैदान में उतारा है. वहीं गठबंधन की ओर से बसपा के पूर्व मंत्री रहे सदल प्रसाद चुनाव मैदान में उतरे हैं. यहां कांग्रेस ने पूर्व आईपीएस कुश सौरभ पासवान पर दांव लगाया है.
अनुमानित जातीय समीकरण
गोरखपुर लोकसभा सीट पिछले उप-चुनाव में जातिगत वोट और गठबंधन की भेंट चढ़ चुके है. इसके पहले सपा ने सिटिंग एमपी और बीजेपी में शामिल हो चुके प्रवीण निषाद को चुनाव मैदान में उतारा था. उन्होंने योगी आदित्यनाथ और मंदिर की मानें जानी वाली सीट पर निषाद वोट बैंक के बूते बड़ा उलटफेर कर बीजेपी के उपेन्द्र दत्त शुक्ल को साढे बाइस हजार वोटों से हराया था. अनुमानित जातीय समीकरण के आधार पर गोरखपुर लोकसभा यानी यहां की पांच विधानसभा में कुल छह लाख सवर्ण, नौ लाख ओबीसी (इसमें निषाद वोटर की संख्या 3.5 लाख और यादव 2.40 लाख से ऊपर है.), 2.55 लाख एससी और 2.02 लाख मुस्लिम वोटर हैं. सवर्ण में ब्राह्मण, राजपूत के अलावा कायस्थ वोटर भी डेढ लाख के करीब हैं. वहीं बांसगांव सुरक्षित सीट पर एससी और पिछड़ी जाति के वोटरों की संख्या अधिक है. अनुमानित जातीय समीकरण की बात करें, तो सवर्ण 5 लाख, ओबीसी 8.34 लाख, एससी-एसटी 2.50 लाख, मुस्लिम 1.50 लाख के करीब हैं. यहां पर साल 2009 में बीजेपी के कमलेश पासवान ने सीट अपने खाते में की. इसके पहले इस सीट पर कांग्रेस के महावीर प्रसाद का कब्जा रहा है.
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद ये सीट सपा के खाते में चली गई
सीटों पर सत्ता का समीकरण काफी रोचक रहा है. गोरखपुर सदर लोकसभा सीट पर पांच बार से लगातार वर्तमान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीतते चले आए हैं. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद ये सीट सपा के खाते में चली गई. उप-चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था. सीट जीतने के लिए जहां एक ओर पहले बीजेपी ने निषाद वोट बैंक को मजबूत करने के लिए सपा नेता अमरेन्द्र निषाद और उनकी मां पूर्व विधायक राजमति निषाद को बीजेपी में शामिल कर लिया. हालांकि डेढ़ महीने में ही उनकी सपा में वापसी भी हो गई. वहीं नाटकीय घटनाक्रम में बीजेपी को उपचुनाव में हराकर सांसद बनने वाले प्रवीण निषाद भी दिल्ली में बीजेपी के हो गए. इसके काट के रूप में सपा ने 12 घंटे के अंदर ही पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को उम्मीदवार घोषित कर दिया.
ऐसा रहा है इतिहास
आजादी के बाद साल 1952 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. इस सीट पर साल 1967 तक कांग्रेस का कब्जा रहा. 1967 के लोकसभा चुनाव में महंत दिग्विजयनाथ ने निर्दल चुनाव जीतकर सीट पर कब्जा जमाया. उनके निधन के बाद हुए उप-चुनाव में महंत अवेद्यनाथ ने चुनाव में जीत हासिल कर 1971 तक सांसद रहे. उसके बाद 1971 से 77 तक कांग्रेस के टिकट पर नरसिंह नारायण पाण्डेय सांसद रहे. 1980 से 89 तक भारतीय लोकदल और कांग्रेस आई से हरिकेश बहादुर सांसद बने. 1984 से 89 तक कांग्रेस के मदन पाण्डेय सांसद बने. उसके बाद साल 1989 से 98 तक महंत अवेद्यनाथ इस सीट से लगतार तीन बार जीत कर संसद तक पहुंचे.
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