Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इस समय उत्तर प्रदेश में है, जहां लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटे हैं. इस बीच इंडिया अलायंस को बड़ा झटका लगा है. दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन सकी है. माना जा रहा था कि अखिलेश यादव अमेठी या राय बरेली में राहुल गांधी के साथ उनकी यात्रा में शामिल हो सकते हैं, लेकिन अब सपा प्रमुख यात्रा में शामिल नहीं होंगे.
पहले अखिलेश यादव ने खुद कहा था कि वह रायबरेली या अमेठी में इस यात्रा में शामिल होंगे, लेकिन सीट बंटवारे पर सहमति न बनने के कारण वह यात्रा का हिस्सा नहीं बने. इससे पहले अखिलेश यादव ने साफ कह दिया था कि अगर कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर बात फाइनल नहीं हुई तो समाजवादी पार्टी राहुल गांधी के साथ रायबरेली की यात्रा में शामिल नहीं होगी.
अखिलेश यादव ने दिया 17 सीट का ऑफर
अखिलेश यादव की पार्टी ने कांग्रेस को पहले 11 और फिर 17 लोकसभा सीटों का ऑफर भी दिया था, जबकि कांग्रेस 20 सीटों की मांग कर रही थी. सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और सपा नेताओं के बीच सोमवार (20 फरवरी) को देर रात तक बातचीत हुई, लेकिन सीटों पर सहमति नहीं बन सकी.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर पड़ा असर
सीट शेयरिंग पर पेच फंसने का असर अब न सिर्फ दोनों दलों के रिश्तों पर पड़ रहा है, बल्कि इसका प्रभाव अब भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर भी दिखाई पर पड़ता दिखाई दे रहा है. दरअसल, राहुल गांधी की यात्रा में दोनों नेताओं का एक साथ आना जनता के सामने एकजुटता के मौके के रूप में देखा जा रहा था.
मुरादाबाद-बलिया सीट देने को तैयार नहीं सपा
दोनों दलों के बीच कुछ सीटों को लेकर पेच फंसा है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस मुरादाबाद और बलिया की सीट भी मांग रही थी, जबकि समाजवादी पार्टी कांग्रेस को ये सीटें देने के लिए तैयार नहीं है. माना जा रहा कि सपा मुरादाबाद की सीट को लेकर किसी भी तरह का समझौता करना नहीं चाहती थी.
बिजनौर सीट भी चाह रही थी कांग्रेस
इसके अलावा कांग्रेस बिजनौर की सीट भी चाहती थी. सपा इस सीट को भी छोड़ने को तैयार नहीं थी. बात बनते बनते अटक गई, पेच बस इन तीन सीटों पर ही फंस गया.
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