Lok Sabha Election Exit Poll Live: मेरठ लोकसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गढ़ माना जाता है. बीजेपी यहां से लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुकी है, पार्टी ने यहां चौथी बार जीत के लिए मौजूदा सांसद का टिकट काटकर अभिनेता अरुण गोविल को उम्मीदवार बनाया, लेकिन इस बार जीत की राह इतनी आसान नजर नहीं आ रही है.


तमाम एग्जिट पोल और एक्सपर्ट के मुताबिक, मेरठ सीट पर इस बार कड़ी टक्कर है और अरुण गोविल के लिए जीतना इतना आसान नहीं होगा. यहां से जो भी जीतेगा वह बहुत कम अंतर से जीतेगा. यहां बीजेपी को इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही समाजवादी पार्टी कड़ी चुनौती देती दिख रही है.


क्यों भारी लग रहा सपा का पलड़ा?


दरअसल, समाजवादी पार्टी ने यहां से सुनीता वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था. सुनीता वर्मा मेरठ की मेयर भी रह चुकी हैं. इनके पति योगेश वर्मा विधायक रह चुके हैं. ऐसे में सुनीता वर्मा का लोकल होना और लंबे समय से क्षेत्र में सक्रियता उनके पलड़े को भारी बनाती है.


सपा का प्रयोग पड़ सकता है भारी


समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर जो प्रयोग किया वो बीजेपी को टक्कर देता दिख रहा है. दरअसल, पार्टी ने पहले तो दो बार यहां से अपना उम्मीदवार बदला. इसके बाद उसने जनरल सीट पर दलित और महिला उम्मीदवार को उतारा. इससे दलित और महिला वोटर काफी हद तक उसकी तरफ खिंचे आए. सुनीता को महिला और दलित वोटरों का अच्छा सपोर्ट मिलने की बात कही जा रही है.


बीजेपी का प्लान नहीं दिख रहा हिट


एक्सपर्ट कहते हैं कि बीजेपी ने एंटी इनकम्बैंसी की वजह से बेशक स्टार चेहरे अरुण गोवित को यहां उतारा, लेकिन इसका फायदा उसे मिलता नहीं दिख रहा है. मेऱठ में इस बार पहली बार समाजवादी पार्टी बीजेपी को सीधे टक्कर देती दिख रही है. मेरठ में अरुण गोविल वो रंग नहीं जमा पाए, वह न लोगों से मिल पाए और न लोग उनसे मिल पाए. सेलिब्रिटी होने की वजह से उनकी व्यस्तताएं बहुत थीं, इसलिए वह जनता से सीधे नहीं जुड़े पाए. बीजेपी के स्थानीय नेताओं से भी अरुण गोविल को उतना सपोर्ट न मिलने की बात सामने आई है. बाहरी उम्मीदवार की वजह से स्थानीय वर्कर्स में भी नाराजगी की बात सामने आई. आरएसस की भी सक्रियता यहां देरी से दिखी.


इस तरह बदले समीकरण


एक्सपर्ट की मानें तो सपा उम्मीदवार सुनीता को महिला और दलित होने का फायदा मिला है. दलित बाहुल्य क्षेत्र में उन्हें अच्छा समर्थन मिलता दिख रहा है. इस बार दलित वोट बैंक बसपा से भी छिटका है. दरअसल, बसपा ने त्यागी को टिकट दिया था.अधिकतर मुस्लिम कांग्रेस की वजह से सपा के साथ जाते दिख रहे हैं.


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