Jyotiraditya Scindia: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2019 लोकसभा चुनाव में गुना (मध्य प्रदेश में) से चुनाव हारने पर कहा कि उनके काम में ही कहीं न कहीं कमी रह गई होगी. यही वजह है कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लोकतंत्र में सबसे बड़ा आशीर्वाद जनादेश होता है. चुनाव जीतने इसके लिए घर-घर जाना होता है और अगर जनता आशीर्वाद नहीं देती है तो इसका मतलब है कि कहीं न कहीं कमी रह गई. 


2019 में सेल्फी को मुद्दा बनाए जाने पर बीजेपी नेता ने कहा कि यह अफसोस कि बात है कि चुनाव जीतने के लिए इस तरह के झूठ फैलाए जाते हैं और उसे सच बनाकर पेश किया जाता है. दरअसल, बीजेपी ने गुना सीट से केपी यादव को टिकट दिया था, जिस पर सिंधिया की पत्नी ने कथित तौर पर फेसबुक लाइव पर कहा था कि जो लोग महाराज से सेल्फी लेने के लाइन में लगे रहते हैं, उन्हें सामने वाली पार्टी ने टिकट दिया है.


'जिम्मेदारी की आड़ में बहाने नहीं बना सकते'


न्यूज यूट्यूब चैनल लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री ने बताया, "मेरा मानना है कि अगर आपको कोई जिम्मेदारी दी जाती है तो आप उसकी आड़ में बहाने नहीं बना सकते कि आप इस जिम्मेदारी के वजह से यह काम नहीं कर पाएं. मैं पहला शख्स हूं, जो जिम्मेदारी छाती पर लेता हूं. अगर कोई कहता है कि आप समय नहीं दे पाए तो यह सरासर गलत है."


सिंधिया ने जताई 2024 में चुनाव लड़ने की इच्छा


2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर भाजपा नेता ने कहा, "मैं भारतीय जनता पार्टी (BJP) का एक कार्यकर्ता हूं और जो भी पार्टी का फैसला होगा, उसे मुझे मानना होगा. हालांकि, मेरी इच्छा है कि मैं लोकसभा का इलेक्शन लड़ूं. मेरी आशा विकास, प्रगति और जनसेवा करने की है."


'सिंधिया फैमिली का उद्देश्य जनसेवा'


केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, सिंधिया परिवार का लक्ष्य कभी राजनीति करना नहीं रही है. उसका उद्देश्य हमेशा जनसेवा, विकास और प्रगति रहा है और राजनीति इस लक्ष्य तक पहुंचने का एक माध्यम है. वह 18 साल गुना के सांसद रहे हैं, लेकिन उनकी कोशिश पूरे क्षेत्र का विकास करने की रही है.


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