Lok Sabha Election 2024: अब बिहार में बड़ा खेल करने की तैयारी में इंडिया गठबंधन, चिराग पासवान को दे दिया बंपर सीटों का ऑफर
Lok Sabha Election: इंडिया अलायंस ने चिराग पासवान को बिहार की 8 सीटों की पेशकश की है. इनमें वे सीटें भी शामिल हैं, जिन पर पार्टी ने 2019 में इलेक्शन लड़ा था.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को बिहार में NDA के बीच खींचतान जारी है. ऐसे में इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) ने सियासी शतरंज की बिसात पर एक चाल चली है और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को राज्य में आठ और उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीटों की पेशकश की है.
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ये प्रस्ताव चिराग पासवान के लिए आकर्षक साबित हो सकता है. एनडीए कथित तौर पर पासवान को बिहार में केवल छह लोकसभा सीटों की पेशकश कर रहा है. इतना ही नहीं इन सीटों को उन्हें अपने चाचा पशुपति पारस और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख के साथ शेयर करना होगा.
2021 में टूट गई थी एलजेपी
सूत्रों के मुताबिक इंडिया अलायंस ने चिराग पासवान को जिन सीटों की पेशकश की है, उनमें वे सभी छह सीटें शामिल हैं जिन पर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने 2019 में चुनाव लड़ा था. राम विलास पासवान के निधन के एक साल बाद 2021 में लोक जनशक्ति पार्टी विभाजित हो गई थी और पार्टी की कमान पशुपति पारस के हाथ में आ गई थी.
एनडीए से अलग हुए चिराग पासवान
वहीं, पारस को सरकार की ओर से कैबिनेट में जगह दिए जाने के बाद, चिराग पासवान ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. हालांकि, उन्होंने बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर कुछ भी कहने से परहेज किया. वह नीतीश कुमार के साथ मतभेदों के कारण 2020 में एनडीए छोड़ गए थे. हालांकि, चिराग पासवान पिछले साल गठबंधन में फिर से शामिल हो गए.
पशुपति पारस के साथ मतभेद जारी
पासवान और पारस के बीच हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र को लेकर अभी भी मतभेद हैं. पारस इस सीट से मौजूदा सांसद हैं. पासवान ने हाजीपुर सीट पर दावा किया है, क्योंकि यह उनके दिवंगत पिता का पूर्व निर्वाचन क्षेत्र और उनकी कर्मभूमि रहा है.
क्या था 2019 लोकसभा चुनाव का रिजल्ट?
बीजेपी और जेडीयू ने 2019 में बिहार में 17-17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और छह सीटों पर एलजेपी ने चुनाव लड़ा था. बीजेपी और एलजेपी ने उन सभी सीटों पर जीत हासिल की थी, जिन पर उन्होंने चुनाव लड़ा था और जेडीयू केवल किशनगंज में पिछड़ गई थी. इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. वहीं, इस बार भी एनडीए सीट शेयरिंग में 2019 के फॉर्मूले को दोहरा सकती है. हालांकि, इस बार एलजेपी 6 सीटें पारस और पासवान के बीच बांटी जाएंगी. ऐसे में इंडिया अलांयस की चाल काम करती है, तो इससे उसे एक बूस्ट मिलेगा.
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