Lok Sabha Election 2019: चुनाव आयोग में देश में नई सरकार के गठन के लिए लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. एक तरफ पीएम मोदी के सामने 2014 का प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और अन्य पार्टियां किसी भी तरह से बीजेपी को सत्ता में वापस नहीं होने की जद्दोजहत में लगी हैं.


2014 के लोकसभा चुनाव में कई बड़े इतिहास देखने को मिले थे. 30 साल बाद ऐसा मौका आया था जब कोई पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुई. इतना ही नहीं बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए की सीटों की संख्या भी 300 पार कर दी गई. वहीं उस समय की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को ना सिर्फ पहली बार 100 से कम सीटें मिली, बल्कि उसका वोट शेयर भी पहली बार 20 फीसदी से कम हो गया.


बात अगर 2014 में पार्टियों को मिले वोट शेयर की करें तो एनडीए 39 फीसदी वोट शेयर के साथ पहले नंबर पर रहा था, जबकि यूपीए को 23.5 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा था. 2014 के आम चुनाव में बीजेपी पहली बार 30 फीसदी से ज्यादा यानी कुल 31.3 फीसदी वोट पाने में कामयाब हुई थी, वहीं कांग्रेस को सिर्फ 19.5 फीसदी वोट मिले थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में अन्य पार्टियों के खाते में 37.5 फीसदी वोट गए थे.


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