Lok Sabha Election 2019: कहा जाता है कि इस देश में सरकार बनने का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है. चुनावी नतीजे आने की शुरुआत होने के साथ भी सबकी नज़रें यूपी की तरफ अपने आप ही चली जाती हैं. जब देश के 543 में से 80 सासंद इस राज्य से चुनकर आते हैं, तो ऐसा होना लाजमी भी है. 2014 में भी बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने की बिसात यूपी के वोटरों ने ही बिछाई थी.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इतिहास रचते हुए 80 में से 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी से साथ मिलकर दो सीटों पर चुनाव लड़ना वाला अपना दल को भी दोनों सीटों पर जीत मिली. 2014 के नतीजों में यूपी में सबसे बड़ा झटका उस समय प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी समाजवादी पार्टी को लगा था. 2012 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने वाले अखिलेख यादव लगातार केंद्र में निर्णायक भूमिका निभाने का दावा कर रहे थे. लेकिन जब नतीजे आए तो परिवार के लोग ही चुनाव जीतने में कामयाब हुए और उनकी पार्टी के हिस्से सिर्फ 5 सीटें आईं.
कांग्रेस पार्टी को भी इस चुनाव में कम बड़ा झटका नहीं लगा था. राहुल गांधी और सोनिया गांधी ही कांग्रेस के लिए यूपी से चुनाव जीतने कामयाब हुए थे. उस वक्त बीएसपी को यूपी की मुख्य विरोधी पार्टी के तौर पर देखा जाता था, पर 2014 के चुनाव में पार्टी का एक भी सांसद नहीं बना.
वोट शेयर के मामले में भी बीजेपी दूसरी पार्टियों से कहीं ज्यादा आगे रही थी. बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को यूपी में 44 फीसदी वोट शेयर मिला था. एसपी 22 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे और बीएसपी 20 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे नंबर की पार्टी बनी. कांग्रेस पार्टी के हिस्से में महज 8 फीसदी वोट शेयर आया था.