Lok Sabha Election 2019: दुनिया भर में भारत की पहचान सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर है. लेकिन 2014 के चुनाव ने साबित किया कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने के अलावा चुनावी खर्च के मामले में भी दुनिया का सबसे महंगा देश हैं. 1951-52 में हुए पहले चुनाव से लेकर 2014 तक के लोकसभा चुनाव तक आम चुनाव के खर्च में कई हजार गुणा की बढ़ोतरी हो चुकी है.


सामने आई जानकारी के मुताबिक 9 चरण में हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 3870 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. इसी बड़ी रकम ने देश के आम चुनाव को दुनिया का सबसे मंहगा चुनाव बना दिया. आजाद होने के बाद देश में 1951-52 में पहली बार लोकसभा चुनाव करवाए गए थे. पहले लोकसभा चुनाव में देशभर में करीब 10 करोड़ रुपये का खर्च ही आया था.


लेकिन तेजी के साथ बदलते वक्त में देश का चुनावी खर्च भी बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है. 2004 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी खर्च 1 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करते हुए 1016 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. 2009 में हालांकि चुनावी खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली. 2009 के लोकसभा चुनाव में कुल 1114 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. लेकिन 2014 आते-आते ये खर्च करीब 4 हजार करोड़ रुपये के पास पहुंच गया है. ऐसे में हो सकता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में खर्च के मामले में पिछले सारे रिकॉर्ड टूट जाएं.


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