Lok Sabha Election: रामविलास पासवान 9वीं, तो आडवाणी 7वीं बार पहुंचे थे लोकसभा
Lok Sabha Election 2019: 2019 के लोकसभा चुनाव में कई बड़े चेहरों के चुनाव नहीं लड़ने की संभावना है. 2014 में आडवाणी 7वीं बार लोकसभा पहुंचे थे.
Lok Sabha Election 2019: देश में होने वाले आम चुनाव के लिए तारीखों का एलान हो चुका है. लेकिन इस बार कई बड़े दिग्गज बढ़ती उम्र के चलते या फिर किसी और वजह से चुनावी मैदान में नहीं दिखाई देंगे. इन दिग्गजों में ज्यादातर वो चेहरे शुमार हैं जो कि 2014 के चुनाव में 7 या उससे भी ज्यादा बार सांसद बन चुके हैं.
2014 के चुनाव से ठीक पहले 'मौसम वैज्ञानिक' के नाम से मशहूर रामविलास पासवान ने एनडीए गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया था. रामविलास को इस फैसले का फायदा भी हुआ और वह मोदी लहर में 9वीं बार लोकसभा पहुंचने में कामयाब हो गए. इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में ना सिर्फ पासवान को करारी हार झेलनी पड़ी थी, बल्कि उनकी पार्टी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुई थी.
2014 के चुनाव में मध्य प्रदेश के कांग्रेस के दो ही सांसद चुनाव जीते थे, जिनमें से कमलनाथ एक थे. ये 9वां मौका था, जब कमलनाथ चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. कमलनाथ अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. ऐसे में वह लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे.
सुमित्रा महाजन 2014 का चुनाव जीतने वाले दिग्गज नेताओं में से एक थीं. सुमित्रा के इसी कद को देखते हुए उन्हें लोकसभा का स्पीकर बनाया गया था. 2014 में सुमित्रा महाजन 8वीं बार लोकसभा पहुंचने वाली सांसद बनी थीं. हालांकि इस बार हो सकता है कि बढ़ती उम्र के चलते वह चुनाव ना लड़े.
82 साल के करिया मुंडा बीजेपी के दिग्गज नेता हैं. 2014 के चुनाव में करिया मुंडा 8वीं बार लोकसभा के सांसद बने थे. 80 साल से ज्यादा उम्र के चलते ऐसा हो सकता है कि इस बार करिया मुंडा भी चुनाव लड़ते हुए नज़र ना आएं.
देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी 7 बार सांसद बन चुके हैं. कभी प्रधानमंत्री बनने के दावेदारों में शामिल रहे आडवाणी आज उम्र के 91 पड़ाव पार कर चुके हैं. 16वीं लोकसभा के दौरान भी आडवाणी की संसद में उपस्थिति ना के बराबर रही. आडवाणी संसद की कार्यवाही में शामिल जरूर होते थे, लेकिन पिछली बार उन्हें कभी कोई सवाल करते हुए नहीं देखा गया.
नेहरू-गांधी परिवार से संबंध रखने वाले मेनका गांधी मोदी सरकार में मंत्री हैं. मेनका के नाम भी 7 बार सांसद बनने का रिकॉर्ड दर्ज है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है इस बार मेनका गांधी हरियाणा के करनाल से मैदान में उतर सकती हैं. मेनका गांधी खुद हरियाणा से अपने पारिवारिक रिश्ते के बारे में बयान दे चुकी हैं.