कन्नौज में समाजवादी पार्टी (SP) का किला भेदने में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पूरी तरह नाकाम रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ बीजेपी ने सुब्रत पाठक को चुनावी मैदान में उतारा था. इस चुनावी लड़ाई में सुब्रत पाठक को करारी हार मिली है. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जनसभा में अखिलेश यादव को चीख-चीख कर चुनौती दी थी कि भेजिए किसको भेजना है लड़ने के लिए. उनका अखिलेश को इस तरह दावत देना भारी पड़ गया.
उन्होंने कहा कि जहां से सपा को दो-दो सांसद मिले वहां से क्या उनके पास कोई लड़ने वाला भी नहीं है. उसके लिए क्या सैफई से कोई बार-बार आएगा. भेजिए सैफई से किसको भेजना है. सुब्रत पाठक ने यह बात उस वक्त कही थी, जब सपा की तरफ से कन्नौज के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई थी. वहीं, बीजेपी इस सीट से सुब्रत के नाम का ऐलान कर चुकी थी.
सुब्रत पाठक की इस जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. उन्होंने कहा था, 'कन्नौज ने दो-दो सांसद दिए हों, उस समाजवादी पार्टी के पास उस कन्नौज से कोई सांसद लड़ने वाला भी नहीं है. उसके लिए क्या सैफई से कोई बार-बार आएगा. बार-बार सैफई से लड़ने के लिए आएगा. अरे अखिलेश जी भेजिए सैफई से किसको भेजना है भेजिए.'
कन्नौज सीट मुलायम सिंह यादव के समय से समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है. मुलायम सिंह यादव दो बार और दो बार अखिलेश यहां से सांसद चुने गए, लेकिन जब 2012 में वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्हें सीट छोड़नी पड़ी. तब उपचुनाव हुआ और उनकी पत्नी डिंपल यादव यहां से जीत गईं. 2014 में वह एक बार फिर मैदान में उतरीं और जीत गईं, लेकिन 2019 के चुनाव में सुब्रत पाठक जीते और सीट बीजेपी के पाले में चली गई.
2024 के चुनाव में अखिलेश यादव ने डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से कन्नौज पर जीत हासिल की है. अखिलेश को 6,42,922 वोट मिले हैं, जबकि सुब्रत पाठक के लिए 4,71,370 लोगों ने वोट किया है.