लोकसभा चुनाव 2019: मुजफ्फरनगर में 25,816 नए मतदाता पहली बार डालेंगे वोट, जानें कैसा रहा है इस सीट का इतिहास
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर 42 फीसदी सामान्य श्रेणी के वोटर है. 20 फीसदी मुस्लिम और 12 फीसदी जाट वोटर हैं. 18 फीसदी एससी/एसटी और 8 फीसदी अन्य जातियों के वोटर हैं.
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मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में इस लोकसभा चुनाव में 25,816 मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. अतिरिक्त जिलाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के 16,92,313 मतदाताओं के लिए 2,167 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. इस सीट पर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होना है.
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यहां 18-19 साल की उम्र के कुल 25,816 मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
कुमार ने बताया कि जिले को 156 सेक्टरों में विभाजित किया गया है और हर सेक्टर में पुलिस बल के साथ एक मजिस्ट्रेट हैं.
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिले में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 21 कंपनियों और पीएसी की पांच कंपनियों के साथ स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया है.
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के अजित सिंह, बीजेपी के संजीव बाल्यान और अन्य मैदान में है. इस सीट पर फिलहाल बाल्यान सांसद हैं.
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट का इतिहास
आजादी के बाद से अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में से 7 बार इस सीट पर कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया है. वहीं बीजेपी 4 बार इस सीट को हथियाने में कामयाब हुई है. बीएसपी और एसपी ने 1-1 बार ये सीट जीती है. वहीं आरएलडी का इस सीट पर अभी तक खाता भी नहीं खुला है.
1952 से 1967 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. इसके बाद सीपीआई ने कांग्रेस से ये सीट छीन ली. 1967 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सीपीआई नेता लताफत अली खान सांसद बने. इसके बाद 1971 में भी सीपीआई के ही विजयपाल सिंह यहां से सांसद बने.
1977 में सीपीआई से ये सीट छीनकर जनता पार्टी ने कब्जा जमा लिया. इसके बाद हुए 1980 के चुनाव में भी यहां से जनता पार्टी के गयूर अली खान सांसद चुने गए.
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