आप-कांग्रेस गठबंधन: दिल्ली ही नहीं हरियाणा और चंडीगढ़ में भी बनी बात, जेजेपी भी आएगी साथ
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन पर करीब-करीब बात बन गई है. हरियाणा में कांग्रेस सात और आप एक सीट पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं जेजेपी को दो सीट देने की संभावना है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर करीब-करीब बात बन गई है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में आम आदमी पार्टी चार और कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सूत्रों ने बताया कि हरियाणा और चंडीगढ़ में आप-कांग्रेस गठबंधन में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) शामिल होगी. सूत्रों के मुताबिक, आज संजय सिंह और गुलाम नबी आजाद के बीच बैठक हुई. आप ने जेजेपी के लिए तीन सीटों की मांग की. काग्रेस दो सीटें जेजेपी को देने पर राजी है और आम आदमी पार्टी को एक सीट.
हरियाणा में कांग्रेस सात जेजेपी दो और आम आदमी पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ेगी. ओम प्रकाश चौटाला के परिवार में फूट के बाद दुष्यंत चौटाला पर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से अलग होकर जेजेपी का गठन किया है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की एक सीट पर कांग्रेस का आम आदमी पार्टी समर्थन करेगी. कांग्रेस ने चंडीगढ़ सीट से पवन कुमार बंसल को उम्मीदवार बनाया है.
दिल्ली , हरियाणा और चण्डीगढ़ मे कांग्रेस,आप और जेजेपी के बीच समझौता तय.... दिल्ली मे 4-3 हरियाणा मे कांग्रेस - 7 जेजेपी - 2 आप - 1
चण्डीगढ़ मे कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन करेगी आम आदमी पार्टी - सूत्र — Aadesh Rawal (@AadeshRawal) April 17, 2019
आप-कांग्रेस गठबंधन को लेकर आज आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कांग्रेस नेता भूपेन्द्र हुड्डा से मुलाकात की थी.
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर 12 मई को वोट डाले जाएंगे. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने सात, इनेलो ने दो और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में सभी पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी थी.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर कई महीनों से असमंजस की स्थिति बनी हुई है. पहले तो कांग्रेस में ही आप से गठबंधन को लेकर दो राय थी. शीला दीक्षित का खेमा गठबंधन का विरोध कर रहा था. वहीं अजय माकन और पीसी चाको इसके समर्थन में थे. जब पार्टी में करीब-करीब सहमति बनी तो आप ने हरियाणा और पंजाब में भी गठबंधन की शर्त रख दी. पंजाब में तो गठबंधन से पार्टी ने साफ-साफ शब्दों में इनकार कर दिया.
आप-कांग्रेस गठबंधन को लेकर सोमवार को अचानक हलचल तेज हो गई थी. जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ''दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन का मतलब बीजेपी का सूपड़ा साफ होना है. यह सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस आप को चार सीटें देने की इच्छुक है. परन्तु केजरीवाल जी ने एक और यूटर्न ले लिया है.''
राहुल के ट्वीट के ठीक बाद केजरीवाल ने भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कौन सा U-टर्न? अभी तो बातचीत चल रही थी. आपका ट्वीट दिखाता है कि गठबंधन आपकी इच्छा नहीं मात्र दिखावा है. मुझे दुःख है आप बयानबाज़ी कर रहे हैं.
शीर्ष नेताओं के ट्वीट के बाद दोनों दलों ने बातचीत का रास्ता निकाला. मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ''आप ने कांग्रेस से बात करने के लिए संजय सिंह को अधिकृत किया है. राहुल जी भी कांग्रेस की तरफ़ से एक ऐसे व्यक्ति को अधिकृत करें जो “आप” के साथ बैठकर सभी 18 (दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़) सीटों पर बीजेपी को हराने की रणनीति बना सके.''
दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं और यहां भी हरियाणा के साथ 12 मई को वोट डाले जाएंगे. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी.