नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि देश से एक-एक घुसपैठिए को बाहर निकालेंगे, मगर हिंदू और बौद्ध शरणार्थियों को ढूंढकर नागरिकता देंगे.


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दार्जिलिंग के कलिम्पोंग में कहा, ‘‘एक-एक घुसपैठिये को निकाल बाहर करने के लिए देश भर में एनआरसी लाना हमारी प्रतिबद्धता है. ममता बनर्जी की तरह हम घुसपैठियों को अपना वोट बैंक नहीं समझते. हमारे लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च है. हम सुनिश्चित करेंगे कि हर एक हिंदू, बौद्ध और सिख शरणार्थी को इस देश की नागरिकता मिले.’’


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बार दावा किया है कि एनआरसी से वाजिब भारतीय भी शरणार्थी बन जाएंगे. अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए अभी असम में एनआरसी की व्यवस्था है और उसे लागू करने की प्रक्रिया चल रही है.


एनआरसी पिछले साल तब काफी विवादों में घिर गया था जब इसके पूर्ण मसौदे में असम में दशकों से रह रहे करीब 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए थे. शाह ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की दिलचस्पी सिर्फ अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण में है.


बीजेपी अगली सरकार बनाने पर अनुच्छेद 370 हटा देगी, एनआरसी लाएगी- अमित शाह


उन्होंने कहा, ‘‘अवैध प्रवासी दीमक की तरह हैं. वे गरीबों को मिलने वाले अनाज खा रहे हैं, वे हमारी नौकरियां छीन रहे हैं. टीएमसी के ‘टी’ का मतलब तुष्टीकरण, एम का मतलब ‘माफिया’ और ‘सी’ का मतलब ‘चिटफंड’ है.’’


दार्जिलिंग सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे उद्योगपति राजू सिंह बिष्ट के पक्ष में प्रचार करते हुए शाह ने कलिम्पोंग में कहा, ‘‘केंद्र में बीजेपी की अगली सरकार बनने के बाद हम कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त कर देंगे.’'अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में 42 में से 23 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है. 2014 आम चुनाव में भाजपा यहां केवल दो सीटें जीत पाई थी.


मोदी सरकार द्वारा पेश किया गया नागरिकता (संशोधन) विधेयक लोकसभा में आठ जनवरी को पारित हो गया था लेकिन इसे राज्य सभा में चर्चा के लिए नहीं लाया जा सका. यह विधेयक अब तीन जून को निष्प्रभावी हो जाएगा.