नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों और नेताओं से प्रचार अभियान के दौरान जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र आदि के नाम पर ऐसी भावनात्मक अपील करने से बचने को कहा है जिससे समाज में भेदभाव और तनाव फैलता हो.


आयोग ने चुनाव प्रचार अभियान के जोर पकड़ने के मद्देनजर शुक्रवार को सभी दलों को जारी सलाह में कहा है कि नेता प्रचार में विरोधियों के निजी जीवन और सार्वजनिक कार्यकलापों से इतर कामों पर भी टिप्पणी करने से बचें. इतना ही नहीं नेताओं को प्रचार में विरोधियों की अप्रमाणित तथ्यों पर आधारित आलोचना करने से भी बचना चाहिए.


आयोग ने इस बात की भी ताकीद की है कि उम्मीदवार मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरिजाघर सहित किसी भी उपासनास्थल का अपने चुनाव अभियान में भाषण, पोस्टर और संगीत आदि माध्यमों से कतई इस्तेमाल नहीं करें. सलाह में आयोग ने एक बार फिर राजनीतिक दलों और नेताओं को सैन्य अभियानों में सैनिकों के पराक्रम और उनकी तस्वीर आदि का किसी भी रूप में इस्तेमाल नहीं करने की बात कही है.


बता दें कि देश भर में सात चरणों में चुनाव होंगें. पहले चरण का मतदान 11 अफ्रैल को है जबकि अंतिम चरण का मतदान 19 मई को है. वोटों की गिनती 23 मई को होगी.


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