भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर का दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ना तय, इंदौर सीट पर BJP में घमासान
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के भोपाल से चुनाव लड़ने को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. उन्होंने हाल ही में बीजेपी की सदस्यता ली है. कांग्रेस ने भोपाल की सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है.
भोपाल: मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बीजेपी की उम्मीदवार होंगी. वह आज भोपाल स्थित बीजेपी दफ्तर पहुंचीं. जहां उन्हें नरोत्तम मिश्रा समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने गुलदस्ता देकर बधाई दी. प्रज्ञा ठाकुर बीजेपी दफ्तर मिठाई लेकर पहुंची थीं.
मालेगांव बम धमाका मामले में आरोपी रहीं प्रज्ञा ठाकुर के भोपाल से चुनाव लड़ने को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है. भोपाल सीट बीजेपी के गढ़ में से एक है.
भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर होगी बीजेपी की प्रत्याशी @digvijaya_28 से होगा मुकाबला @abpnewstv @vikasbha @IamRajnishAhuja pic.twitter.com/tH2MPACynZ
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) April 17, 2019
वहीं इंदौर की सीट को लेकर बीजेपी में असमंजस की स्थिति है. इस सीट के लिए लिए कई नाम चर्चा में है. दावेदारों में शहर की महापौर और पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़, बीजेपी के अन्य विधायक रमेश मैंदोला, पूर्व लोकसभा सांसद कृष्णमुरारी मोघे और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर लालवानी के नाम हैं.
मध्यप्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार सुबह चौंकाने वाली घोषणा की कि वह आम चुनाव नहीं लड़ेंगे.
विजयवर्गीय ने ट्विटर पर कहा,‘‘इंदौर की जनता, कार्यकर्ताओं व देश भर के शुभचिंतकों की इच्छा है कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं,पर हम सभी की प्राथमिकता समर्थ और समृद्ध भारत के लिये नरेंद्र मोदी को पुनः प्रधानमंत्री बनाना है. पश्चिम बंगाल की जनता मोदी जी के साथ खड़ी है. बंगाल में रहना मेरा कर्तव्य है. अतः मैंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है."
स्थानीय लोगों में ‘भाई’ के नाम से मशहूर विजयवर्गीय ने इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पंकज संघवी का नाम घोषित होने के तकरीबन 12 घंटे बाद खुद को चुनावी टिकट की दावेदारी से अलग किया.
विजयवर्गीय की चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, "ताई (सुमित्रा महाजन का लोकप्रिय उपनाम) की तरह भाई (विजयवर्गीय) ने भी टिकट नहीं मिलता देख कह दिया कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूँ. विजयवर्गीय एक दिन पूर्व तक तो कह रहे थे कि उनके लिये बंगाल की चुनौती बड़ी है, लेकिन पार्टी आदेश देगी तो वह इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ लेंगे."
RSS अगर हिन्दुओं का संगठन है तो मुझसे बैर क्यों, मैं भी हिन्दू हूं- दिग्विजय सिंह
गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी. "ताई" (मराठी में बड़ी बहन का सम्बोधन) के नाम से प्रसिद्ध वरिष्ठ बीजेपी नेता इंदौर क्षेत्र से वर्ष 1989 से सतत चुनाव जीत रही हैं.
बीजेपी की ओर से इस बार भी महाजन को मध्यप्रदेश की इस सीट से बीजेपी के टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था. इस बीच, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने "द वीक" पत्रिका को दिये साक्षात्कार में कहा कि यह उनकी पार्टी का फैसला है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को लोकसभा चुनावों का टिकट नहीं दिया जायेगा.
शाह ने इस साक्षात्कार में हालांकि महाजन का नाम नहीं लिया था. लेकिन 12 अप्रैल को उम्र के 76वें वर्ष में दाखिल होने से हफ्ता भर पहले ही महाजन ने मौके की नजाकत भांपते हुए पांच अप्रैल को खुद घोषणा कर दी थी कि वह आसन्न लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी.
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर चार चरणों में वोट डाले जाएंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी, तब सूबे की सत्ता पार्टी के पास थी. कांग्रेस ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
मध्य प्रदेश में चार चरणों में वोट डाले जाएंगे पहला चरण- 29 अप्रैल- सीधी, शहडोल,जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा. दूसरा चरण- 6 मई- टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद, बैतूल. तीसरा चरण- 12 मई- मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़. चौथा चरण- 19 मई- देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन, खंडवा.